असम

असम घर वापसी: अमीना ने इस्लाम त्याग सनातन धर्म में की घर वापसी, कहा-अब गर्व से समाज का सामना कर पाएंगे

वे दोनों परिजनों के रूखेपन और रिश्तेदारों की धमकियों से डर कर बीते चार साल से देश के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे थे। इस दरमियान, अमीना ने एक लड़के को भी जन्म दिया।

Published by
Kuldeep singh

असम के करीमगंज जिले से घर वापसी का मामला प्रकाश में आय़ा है, जहां एक मुस्लिम युवती अमीना बेगम ने सनातन धर्म अपना लिया। इसके बाद अमीना ने अपना नाम बदलकर राधा रख लिया। इसी के साथ राधा ने अपने हिन्दू प्रेमी से शादी कर ली।

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि मामला कुछ यूं है कि करीमगंज जिले के पत्थरकांडी थाना क्षेत्र के तिलभूम इलाके के रहने वाले मनचिर उद्दीन की बेटी अमीना और श्याम रविदास एक दूसरे से करीब 2 वर्ष से एक-दूसरे से प्यार कर रहे थे। दोनों एक दूसरे से शादी करना चाह रहे थे, लेकिन अमीना का मजहब इसके आड़े आ रहा था। हालांकि, दोनों ने ठान रखी थी कि उन्हें शादी तो करनी ही है। बस इसी को ध्यान में रखते हुए श्याम ने हिन्दू संगठनों से संपर्क किया।

बाद में हिन्दू संगठनों की मदद से 26 मई को एक घर वापसी समारोह में श्याम ने मीरा की सनातन धर्म में घर वापसी कराई। इसी के साथ अमीना ने अपना नाम बदलकर राधा रविदास रख लिया। श्याम और राधा ने शादी के बंधन में बंध गए। हालांकि, अमीना के परिजनों को ये रास नहीं आया। उसे उसके परिजनों और रिश्तेदारों ने हत्या की धमकियां भी दी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 31 जुलाई 2020 को अमीना ने घर वापसी की थी।

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अमीना उर्फ राधा के परिवार में टकराव के कारण श्याम का परिवार भी उन्हें नहीं अपना पा रहा था। लेकिन, कानून ने दोनों को एक कर दिया। वे दोनों परिजनों के रूखेपन और रिश्तेदारों की धमकियों से डर कर बीते चार साल से देश के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे थे। इस दरमियान, अमीना ने एक लड़के को भी जन्म दिया। बेटे के पैदा होने के बाद दोनों ने फैसला किया कि अब वो हर हाल में वापस अपने घर जाएंगे, जो होगा देखा जाएगा। इसमें हिन्दू संगठनों ने उनकी मदद की।

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अब हम साहस से समाज का सामना कर सकते हैं

बीते 26 मई को घर वापसी समारोह के जरिए सामाजिक तौर पर घर वापसी करने के बाद राधा ने हिन्दू संगठन का आभार जताया। साथ ही कहा कि अब वो पूर्व गर्व और साहस के साथ समाज का सामना कर पाएंगी। राधा का का कहना है कि हमारा छोटा सा परिवार खुशी के साथ अपना जीवन जी रहा है।

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