जलडमरूमध्य में टापू देश ताइवान के प्रति गत चार दिन से विस्तारवादी चीन की आक्रामकता में बढ़ोतरी होती जा रही है। ताइवान की सीमाओं के पास सैन्य युद्धाभ्यास, आसमान में लड़ाकू विमानों की गरज और समंदर में युद्धपोतों की हलचल से आखिर कम्युनिस्ट चीन क्या जताना चाहता है, इसे लेकर दुनियाभर के रक्षा विशेषज्ञों की नींद उड़ी हुई है। चीनी सरकारी मीडिया द्वारा जारी किया गया एक ताजा वीडियो मिसाइलों के हमले से ताइवान को पलक झपकते बर्बाद करने की हेकड़ी दिखाता है।
यह वीडियो सरकारी टेलीविजन चैनल पर दिखाया गया है। इस वीडियो में ताइवान को चारों तरफ से मिसाइल हमले में घिरा दिखाया गया है। ताइवान के विरुद्ध यह आक्रामकता विशेष रूप से गत बुधवार को वहां नए राष्ट्रभक्त राष्ट्रपति के पद संभालने और पहले भाषण में चीन को सीमा में रहने की बात करने के बाद बढ़ी है।
उसके बाद चीन की तरफ से
को ‘अपमानजनक’ बताया गया। उन्हें ‘याद दिलाया गया कि ताइवान चीन का हिस्सा’ है। इतना ही नहीं, अगले दिन से चीन ने ताइवान की सीमाओं पर सैन्य युद्धाभ्यास शुरू कर दिया। इससे एकबारगी तो लगा कि आने वाले एकाध दिन में वह ताइवान पर युद्ध थोप देगा। ताइवान के रक्षा मंत्री ने भी बयान जारी करके बताया कि चीनी युद्धपोत, विमान और सैनिक उसकी सीमाओं के पास मंडराते देखे गए हैं।
लेकिन अब चीन ने जो दुष्प्रचार वीडियो जारी किया है वह उसके आक्रामक होते तेवरों की जानाकरी देता है। वीडियों में चीन की तरफ से ताइवान पर दर्जनों मिसाइलें दागी जाती दिखाई गई हैं। चीन ने इस बीच यह बयान भी दिया कि ‘ताइवान को उसकी हिमाकतकी कड़ी सजा दी जाएगी।’ हालांकि अभी तक विस्तारवादी चीन ने कोई सीधी सैन्य या मिसाइल कार्रवाई नहीं की है। लेकिन उसकी इस बात को भी हल्के में नहीं लिया जा सकता कि उसके ‘कदम लड़ाई की तरफ बढ़ रहे हैं।’ इस बयान के साथ ही कल चीन ने 27 युद्धपोतों तथा 62 लड़ाकू विमान तैनात करके ताइवान को चारों तरफ से घेरने के संकेत देकर पारा चढ़ा दिया।
वीडियो में चीन के लड़ाकू विमानों तथा मिसाइल लॉन्चरों से ताइवान को बर्बाद करते दिखाया जाना उग्रता का परिचायक माना जा रहा है। ताइवान पर 25 से अधिक राकेटों की मार झेलते दिखाया गया है। उधर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने भी कल ही ‘ताइवान पर कब्जा करने’ की अपनी ताकत को आजमाया। चीनी रक्षा विभाग ने बताया कि ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के भाषण के उत्तर में ताइवान के चारों तरफ सैन्य अभ्यास किया है।
चीन के सरकारी टेलीविजन चैनल ‘सीसीटीवी’ पर उक्त वीडियो को दिखाए जाने के साथ चीनियों और ताइवानियों में एक आशंका सी देखने में आई है। जहां चीन का सरकारी मीडिया वीडियो को लेकर हेकड़ी का भाव पाले है तो ताइवान ने चीन के हर कदम को और गौर से देखना तथा खुद को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने के जरूरी प्रयास करने शुरू कर दिए हैं।
वीडियो में चीन के लड़ाकू विमानों तथा मिसाइल लॉन्चरों से ताइवान को बर्बाद करते दिखाया जाना उग्रता का परिचायक माना जा रहा है। ताइवान पर 25 से अधिक राकेटों की मार झेलते दिखाया गया है। उधर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने भी कल ही ‘ताइवान पर कब्जा करने’ की अपनी ताकत को आजमाया। चीनी रक्षा विभाग ने बताया कि ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के भाषण के उत्तर में ताइवान के चारों तरफ सैन्य अभ्यास किया है।
गत दिनों ताइवान के नए राष्ट्रपति चिंग ने ताइवान की संप्रभुता की पुष्टि की थी और चीन के अपने देश पर फर्जी दावों को सिरे से खारिज किया था। इसके बाद शुरू हुए चीन के सैन्य युद्धाभ्यास ने ताइवान को फिर से ‘खबरदार’ करने की कोशिश की है।
लेकिन रक्षा विशेषज्ञ ताइवान और चीन के बीच बदलते हालातों पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। उन्हें आशंका है कि रूस—युक्रेन और इस्राएल—हमास के बीच जारी युद्धों के बीच कहीं चीन ताइवान पर हमला न बोल दे। अगर ऐसा हुआ तो एक बार फिर दुनिया के बड़े देश दो धड़ों में बंट जाएंगे। अमेरिका, आस्ट्रेलिया, जापान और जर्मनी जैसे देश तो पहले ही ताइवान को स्वतंत्र देश मानकर उससे वैसा ही व्यवहार करते आ रहे हैं।
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