संभवत: चीन के कान भरने पर भारत से अपने संबंध बिगाड़ लेने और जबरदस्त आर्थिक चपत खाने के बाद मालदीव को समझ आ गया है कि आज विश्व की महाशक्तियों में गिने जा रहे भारत का आखिर मोल क्या है। अब शायद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को किसी ने सही सलाह दी है कि मालदीव की अर्थव्यवस्था में भारत का कितना बड़ा योगदान है इसलिए उससे तनाव पाले रखकर मालदीव का नुकसान और गहराता जाएगा। शायद इसीलिए मुइज्जू एक बड़ा फैसला करते हुए भारत से अपने बिगड़े नाते को वापस पटरी पर लाने के लिए भारत की यूपीआई सेवा RuPay की शुरुआत करने का मन बना चुके हैं।
सब जानते हैं कि मालदीव के तीन मंत्रियों की भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति गलत टिप्पणियों के बाद, दोनों देशों के बीच संबंधों में तल्खी आ गई है। ऐसा गत कुछ महीनों से लगातार चला आ रहा है; हालांकि भारत ने तब भी मालदीव के प्रति उदार रुख रखते हुए उसे कर्ज लौटाने में और ज्यादा मोहलत दी है।
लेकिन अगर अब मुइज्जू ने अगर भारत की RuPay सेवा अपने यहां चलाने का फैसला लिया है तो यह एक बार फिर भारत के डिजिटल पेमेन्ट तंत्र की कामयाबी दिखाता है। हालांकि अभी यह नहीं बताया गया है कि यह सेवा कब से शुरू होगी। लेकिन मुइज्जू सरकार के एक मंत्री का कहना है कि ऐसा करने से मालदीव की मुद्रा को ही प्रोत्साहन मिल सकता है। यहां बता दें कि RuPay भारतीय राष्ट्रीय भुगतान कार्पोरेशन (NPCI) द्वारा तैयार किया तंत्र है। इससे विश्वभर में भुगतान किया जा सकता है; इसके माध्यम से एटीएम, पीओएस मशीन और ई-कॉमर्स वेबसाइट पर भुगतान करने की व्यवस्था है।
मालदीव में गत चुनाव में जीतते ही मुइज्जू ने भारतीय सैनिकों को मालदीव से लौटाने को लेकर अनेक बयान दिए थे, साथ ही उनकी सरकार में तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के प्रति गलत टिप्पणी की थी। लेकिन रू-पे के सदंर्भ में आया मालदीव के आर्थिक विकास एवं व्यापार मंत्री मोहम्मद सईद का बयान सकारात्मक संकेत दे रहा है।
विशेषज्ञों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। क्या मालदीव सच में भारत को लेकर अपनी सोच बदल रहा है? क्या यह नया प्रस्तावित कदम मुइज्जू के भारत विरोधी पैंतरों में एक बदलाव का संकेत देते हैं? क्या सच में मालदीव अपनी डगमगाती अर्थव्यवस्था को थामने की गरज से भारत के पर्यटकों को एक बार फिर अपने देश की ओर लुभाने की कोशिश में है?
मालदीव में गत चुनाव में जीतते ही मुइज्जू ने भारतीय सैनिकों को मालदीव से लौटाने को लेकर अनेक बयान दिए थे, साथ ही उनकी सरकार में तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के प्रति गलत टिप्पणी की थी। लेकिन रू-पे के सदंर्भ में आया मालदीव के आर्थिक विकास एवं व्यापार मंत्री मोहम्मद सईद का बयान सकारात्मक संकेत दे रहा है।
सईद ने भारत तथा चीन के बीच कारोबार में स्थानीय मुद्रा प्रयोग करने को लेकर भी सहमति जताई है। गत दिनों ही एक समाचार एजेंसी से बातचीत के क्रम में सईद यह भी बताने लगे कि भारत की रू—पे भुगतान सेवा के शुरू होने के बाद मालदीव की मुद्रा को भी बढ़ावा मिलेगा। सईद का कहना था कि मालदीव में रुपए में भुगतान के लिए अब इस कार्ड को इस्तेमाल किया जा सकेगा।
गत दिनों मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर भारत आए थे और उन्होंने भारत के विदेश मंत्री से बात करते हुए कर्ज लौटाने की मियाद बढ़ाने का अनुरोध किया था। भारत ने तुरंत मालदीव को कर्ज लौटाने के लिए और वक्त स्वीकृत किया था।
मूसा ने ट्वीट करके भारत को इसके लिए शुक्रिया अदा किया था। जमीर से बात करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर का कहना था भारत के मालदीव के साथ संबंध आपसी हितों तथा एक दूसरे को लेकर संवेदनशीलता बरतने पर आधारित हैं।
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