उत्तराखंड

उत्तराखंड: बोले सो निहाल जयकारे के साथ खुले श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के कपाट, चारधाम पंजीकरण 32 लाख के पास पहुंचा

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दिनेश मानसेरा

चमोली: सिखों के तीर्थ स्थल श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे और लक्ष्मण मंदिर के कपाट आज विधि विधान से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के द्वार खुलने से पूर्व अरदास की गई और ‘बोले सो निहाल’ के जयघोष किए गए, इसके बाद पंज प्यारों की मौजूदगी में पावन श्री गुरु ग्रंथ साहिब को आसीन किया गया और उनका सिमरन किया गया और कड़ा प्रसाद का वितरण किया गया।

आज दो हजार श्रद्धालुओं के गुरुद्वारे में शीश निवाने की अनुमति दी गई ,जबकि आगे 3500 श्रद्धालुओं को ही अनुमति, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा दी गई है। करीब 18 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित इस पावन गुरुद्वारे तक पहुंचने के लिए 21 किमी का पैदल सफर तय करना पड़ता है जिसके लिए गोविंद घाट से यात्रा शुरू होती है रास्ते में घांघरिया गोविंद धाम में भी पड़ाव है। गुरुद्वारे के बराबर में ही लक्ष्मण मंदिर है जिसके कपाट भी आज खोल दिए गए हैं।

गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा आने वाले सभी श्रद्धालुओं से मेडिकल चेक अप करवा कर आने की अपील की है और इसके लिए उनके द्वारा ऋषिकेश गुरुद्वारे में व्यवस्था भी की गई है। उच्च रक्तचाप और ह्रदय रोगियों को उच्च हिमालय क्षेत्र में ऑक्सीजन की कमी में दिक्कत पेश आती रही है। पहले ही दिन ही लुधियाना निवासी साठ वर्षीय श्रद्धालु जसविंदर सिंह की हृदय गति रुक जाने से मौत हो गई थी।

चारधाम में अब तक 52 मौतें

प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक बद्रीनाथ में 14, केदारनाथ में 23 यमनोत्री में 12 और गंगोत्री में 03 लोगों की स्वास्थ्य कारणों से मौतें हो चुकी है, इनमें ज्यादातर 55 साल से ऊपर आयु के तीर्थ यात्री हैं।

यात्रा पंजीकरण 32 लाख के पास

चार धाम यात्रा में इस बार भारी भीड़ है,ऑनलाइन पंजीकरण कराने वाली तीर्थ यात्रियों की संख्या 32 लाख के पास पहुंच गई है। सरकार ने 30 मई तक ऑफलाइन पंजीकरण पर रोक लगाई हुई है।

केदारनाथ में 23 घंटे पूजा, एक घंटा सफाई

ज्योतिर्लिंग बाबा केदारनाथ में 19 घंटे श्रद्धालु दर्शन कर रहे है, भोर में 4 घंटे रुद्राभिषेक पूजा अर्चना हो रही है, केवल एक घंटा मंदिर की सफाई की वजह से दर्शनों पर रोक लगाई जाती है, ये व्यवस्था पहली बार देखने में आईं है और इसके पीछे मुख्य कारण श्रद्धालुओं की लंबी कतार है,जो कि समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है।

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