इजरायल हमास के इस्लामिक आतंकियों को खत्म करने के लिए गाजा के राफा शहर में सैन्य ऑपरेशन चला रहा है। जिसे,रोकने आदेश अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने दिया है। हालांकि, इस मामले को लेकर इजरायली वॉर कैबिनेट खुलकर एक साथ आ गई है। इज़रायल की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और विदेश मंत्रालय ने आईसीजे के आदेश पर एक संयुक्त बयान जारी कर स्पष्ट कर दिया कि वो गाजा के दक्षिणी शहर राफा में नागरिकों के विनाश वाले अभियानों को न तो चला रहा है औऱ न ही भविष्य में चलाएगा।
इसके साथ ही अपने ऊपर लगे नरसंहार के आरोपों को भी इजरायल ने झूठा, अपमानजनक और नैतिकता के खिलाफ बताया। ज्वाइंट स्टेटमेंट में इजरायली रक्षा परिषद ने कहा कि 7 अक्तूबर 2023 को हमास के आतंकियों द्वारा इजरायल पर किए गए भयानक हमले के बाद हमने हमास को खत्म कर अपने बंधकों को छुड़ाने के लिए पूरी तरह से रक्षात्मक और न्यायसंगत युद्ध शुरू किया। इजरायल ने ये भी स्पष्ट किया कि वह अपने देश और लोगों की रक्षा करने के अधिकार के तहत नैतिक मूल्यों और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का पालन करते हुए कार्य कर रहा है।
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राफा में सैन्य कार्रवाई से इनकार
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय अदालत ने इजरायल से राफा में मिलिट्री ऑपरेशन को बंद करने का आदेश दिया है, लेकिन इजरायल का कहना है कि उसने तो राफा में सैन्य अभियान शुरू ही नहीं किया। उसका ये भी कहना है कि वो राफा में सैन्य अभियान चलाएगा भी नहीं, जिससे गाजा में फिलिस्तीनी नागरिकों के विनाश का कारण बने।
आईसीजे ने इजरायल को मिस्र और गाजा के बीच की सीमा को भी खुला रखने का आदेश दिया है ताकि मानवीय मदद की निर्बाध आपूर्ति होती रहे। इस पर इजरायली एनएससी ने स्पष्ट किया है कि इजरायल ने स्पष्ट किया है कि वो मानवीय सहायता को और अधिक मजबूत बनाने के लिए काम करता रहेगा। ताकि गाजा के लोगों को तकलीफ न हो।
उल्लेखनीय है कि दक्षिण अफ्रीका सबसे पहले इजरायल के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत गया था। उसी ने इजरायल पर नरसंहार का आरोप लगाया था। हालांकि, अभी तक आईसीजे ने गाजा पर इजरायली हमले को नरसंहार नहीं माना है।
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