बेंगलुरु । राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार व्यक्ति का नाम शोएब अहमद मिर्जा उर्फ छोटू है, जो 35 साल का है और कर्नाटक के हुबली का रहने वाला है। मिर्जा इस मामले में गिरफ्तार होने वाला पांचवां आरोपी है।
एनआईए की जांच में यह सामने आया कि मिर्जा पहले लश्कर-ए-तैयबा बेंगलुरु साजिश मामले में दोषी ठहराया जा चुका था। जेल से रिहा होने के बाद, उसने एक नई साजिश में भाग लिया।
एनआईए की बड़े पैमाने पर छापेमारी
इस गिरफ्तारी से पहले, एनआईए ने बीते मंगलवार को कई राज्यों में छापेमारी की थी। इस कार्रवाई का उद्देश्य पूरी साजिश को उजागर करना और विदेश से आरोपियों को निर्देश देने वाले अन्य साजिशकर्ताओं की पहचान करना था। एनआईए टीमों ने कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में कुल 11 स्थानों पर छापे मारे।
छापेमारी के दौरान, कर्नाटक के बेंगलुरु में ब्रुकफील्ड के आईटीपीएल रोड पर स्थित कैफे में हुए IED ब्लास्ट से संबंधित मामले में 11 संदिग्धों के परिसरों की व्यापक तलाशी ली गई। इस विस्फोट में कई ग्राहक और कर्मचारी घायल हो गए थे।
2012 के लश्कर-ए-तैयबा साजिश मामले से संबंध
एनआईए ने बताया कि मंगलवार को जिन 11 संदिग्धों के ठिकानों पर छापे मारे गए, वे 2012 में बेंगलुरु और हुबली जिलों में लश्कर-ए-तैयबा साजिश मामले में दोषी ठहराए गए थे।
इससे पहले, 3 मार्च को जांच का जिम्मा संभालने वाली एनआईए ने 12 अप्रैल को दो मुख्य आरोपियों, सरगना अदबुल मतीन अहमद ताहा और मुसाविर हुसैन शाजिब को कोलकाता से गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपी पहचान बदलकर कोलकाता में रह रहे थे और कर्नाटक के शिवमोगा जिले के तीर्थहल्ली के निवासी थे। ये दोनों शिवमोगा स्थित इस्लामिक स्टेट मॉड्यूल के सदस्य थे, जिसके सदस्य शारिक ने 19 नवंबर 2022 को मंगलुरु में विस्फोट किया था।
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