किशनगंज (हि.स.) । बिहार और पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे किशनगंज शहर के पास पश्चिम बंगाल के विलायतीबारी में गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करने पहुंची बिहार पुलिस की टीम को उग्र भीड़ ने घेर लिया और उनपर हमला कर दिया। जान बचाने के लिए किशनगंज सदर थानाध्यक्ष संदीप कुमार ने पांच राउंड फायरिंग की। इस फायरिंग में दो लोग घायल हो गए।
फायरिंग की आवाज सुनकर ग्रामीण और भी उग्र हो गए। भीड़ ने सदर थानाध्यक्ष समेत अन्य पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया। पुलिस ट्रैक्टर और मकई की लूट कांड मामले में एक युवक को गिरफ्तार करने पहुंची थी। इस दौरान सदर थानाध्यक्ष संदीप कुमार और अन्य पुलिस कर्मियों को ग्रामीणों ने घेर लिया। ग्रामीणों ने यहां पुलिस पर हमला करना शुरू कर दिया, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
हमले से बचने के लिए थानाध्यक्ष संदीप कुमार को मजबूरन फायरिंग करनी पड़ी। इस फायरिंग में दो ग्रामीण घायल हो गए। घायलों को तुरंत चकलिया अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है और वे सुरक्षित बताए जा रहे हैं।
घटना के दौरान, सदर थानाध्यक्ष संदीप कुमार ने एक आरोपी अब्दुल तउब के बेटे नूर आलम को गिरफ्तार कर लिया। यही गिरफ्तारी भीड़ के आक्रोश का एक कारण बनी। दरअसल उग्र भीड़ पुलिस द्वारा नूर आलम को अपने साथ नहीं ले जाने देना चाहती थी।
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए दालकोला एसडीपीओ रतिन नाथ विश्वास ने कहा कि बिहार पुलिस ने कार्रवाई के दौरान बंगाल पुलिस की मदद नहीं ली। यह कार्रवाई बिना स्थानीय पुलिस को सूचित किए की गई, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
स्थानीय विधायक मिनाज आलम ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि बिहार पुलिस ने बिना बंगाल पुलिस को जानकारी दिए यहां रेड की। इस दौरान नूर आलम को गिरफ्तार किया गया, जिसका कारण स्पष्ट नहीं है। उन्होंने बताया कि फायरिंग से 2-3 लोग घायल हुए हैं और उनका इलाज चल रहा है। विधायक ने कहा कि इस तरह की तानाशाही कार्रवाई स्वीकार नहीं है और वे इसके खिलाफ डीएम-एसपी से शिकायत करेंगे और आगे सरकार से भी बात करेंगे।
इस घटना ने बिहार और पश्चिम बंगाल की सीमा पर तनाव को और बढ़ा दिया है। दोनों राज्यों की पुलिस के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता को इस घटना ने उजागर किया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
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