इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के मध्य चल रहे युद्ध के आधे साल से अधिक बीत चुके हैं। इस बीच अंतरराष्ट्रीय आपराधिक कोर्ट के वारंट पर जर्मनी की प्रतिक्रिया की इजरायली सरकार ने कड़ी भर्त्सना की है। इजरायली सरकार के प्रवक्ता एवी हाइमन ने कहा है कि जर्मनी का नाम लिए बिना ही कहा कि कुछ लोगों को अपने नैतिक विवेक की जांच करने और इतिहास के सही पक्ष में होने की आवश्यकता है।
एवी हाइमन फॉक्स न्यूज से बात करते हुए कहते हैं कि 7 अक्तूबर के हमले के बाद कुछ दिनों बाद जर्मन नेता इजरायल आए थे और उन्होंने हमास के आतंकियों को ‘नए नाजी’ करार दिया था। साथ ही जर्मन नेताओं ने खुद कहा था कि हमास के आतंकी यहूदियों का नरसंहार चाहते हैं। (फॉक्स न्यूज का दावा है कि ‘हमास नए नाजी’ वाला बयान जर्मन पीएम ने नहीं, बल्कि इजरायली पीएम ने दिया था।)
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क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के मुख्य अभियोजक करीम खान ने हमास और इजरायली नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग की थी। इसी को लेकर जब जर्मनी से पूछा गया तो जर्मन सरकार के प्रवक्ता स्टीफन हेबेस्ट्रेइट ने कहा, “बेशक। हां, हम कानून का पालन करते हैं।” अगर बेंजामिन नेतन्याहू जर्मनी में कदम रखते हैं तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर निर्वासित करेंगे।
हालांकि, जर्मनी के इन बयान की वहां के इजरायली राजदूत रॉन प्रोसोर ने भी एक्स इसकी निंदा करते हुए इसे अपमानजनक करार दिया। साथ ही कहा कि इजरायल के अपनी आत्मरक्षा का पूर्ण अधिकार है। खास बात ये है कि करीम खान के बयान के बाद इजरायल ने अपने सहयोगी देशों से इसको लेकर बात की थी, जिसमें जर्मनी भी शामिल था। उस वक्त तो जर्मनी ने खान की हमास के नेताओं की गिरफ्तारी की मांग को जायज बताया था। साथ ही यह भी कहा था कि इजरायली पीएम और रक्षा मंत्री की हमास के साथ तुलना नहीं की जा सकती है।
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