काफी समय से कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। कुछ दिन पहले तो मुख्यमंत्री आवास पर भी टैंकर से पानी पहुंचाया गया था। इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि वहां रह रहे आम लोगों का क्या हाल हो रहा होगा।
अब झीलों की नगरी उदयपुर में भी पानी की दिक्कत हो रही है। पानी की बढ़ती समस्या को देखते हुए गत दिनों भारत विकास परिषद् ने उदयपुर में एक कार्यक्रम किया। इस अवसर पर परिषद के प्रांतीय प्रभारी डॉ. पी.सी. जैन ने कहा कि बेंगलुरु में 271 झीलें होते हुए भी लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। उदयपुर में तो केवल आठ झीलें हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि हर घर में भूमि जल का दोहन हो रहा है, लेकिन उसे वापस नहीं किया जा रहा है। ऐसे में एक दिन उदयपुर में भी बेंगलुरु की तरह पानी की समस्या हो सकती है।
उन्होंने उपस्थित नगर विधायक तारा चंद जैन से आग्रह किया कि नगर निगम, विकास न्यास एवं जिला परिषद द्वारा स्थापित हैंडपंप और ट्यूबवेल पर पहले वर्षा जल रिचार्ज सिस्टम लगाकर जनता के सामने उदाहरण प्रस्तुत करें और जन-जन को वर्षा जल से भूजल को बढ़ाने हेतु प्रेरित करें।
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