सिलीगुड़ी । जलपाईगुड़ी रामकृष्ण मिशन में घुसकर अपराधियों द्वारा बंदूक दिखाकर साधु संन्यासियों को डराने और तोड़फोड़ की घटना में बंगाल पुलिस ने अजीबो गरीब कदम उठाया है। हमला करने वाले अपराधियों के खिलाफ कमजोर धाराओं में केस दर्ज किया गया है, जबकि मिशन के साधुओं के खिलाफ गैर जमानती धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ है। वह भी ऐसी धाराएं लगाई गई हैं जिनमें संन्यासियों को अग्रिम जमानत भी नहीं मिलेगी।
मिशन के कुछ सन्यासी सिलीगुड़ी में ‘सेवक हाउस’ नामक मकान में रहते हैं। गत रविवार आधी रात के बाद करीब पैंतीस लोग असलहा लेकर मिशन आश्रम में घुस आए थे। भिक्षुओं पर हमला किया गया है। उनके साथ मारपीट की गयी और आश्रम से निकाल दिया गया। इतना ही नहीं, पांच भिक्षुओं और सुरक्षा गार्डों को भी कथित तौर पर किडनैप किया गया और न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन से सटे इलाके में छोड़ दिया गया।
घटना का खुलासा सोमवार को हुआ। रामकृष्ण मिशन की ओर से सोमवार शाम पांच बजे भक्तिनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी। मुख्य आरोपितों की सूची में प्रदीप रॉय नाम के शख्स का नाम है। वह सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है और स्थानीय हलकों में भू माफिया के तौर पर कुख्यात है। मिशन द्वारा शिकायत दर्ज करने के ठीक एक घंटे बाद, प्रदीप रॉय ने उसी भक्तिनगर थाने में जवाबी शिकायत दर्ज कराई। सवाल उठता है कि मिशन में हमले के मुख्य आरोपित प्रदीप राय को थाने जाने के बाद भी गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?
इस बीच एक और सनसनीखेज बात पता चली है। पुलिस ने मिशन की ओर से दर्ज करायी गयी प्राथमिकी के तहत प्रदीप रॉय के खिलाफ कमजोर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इसके विपरीत, प्रदीप रॉय की शिकायत के आधार पर रामकृष्ण मिशन सन्यासियों के खिलाफ गैर-जमानती मामला दर्ज किया गया है। प्रदीप राय ने आरोप लगाया कि मिशन डेढ़ एकड़ जमीन हड़पने की कोशिश कर रहा है। दूसरी और मिशन का दावा है कि उक्त जमीन उन्हें जलपाईगुड़ी निवासी सुनील कुमार राय नामक व्यक्ति ने दान में दी थी।
आरोपित प्रदीप रॉय के खिलाफ धारा 457 जमानती 427 (जमानती), 325 (जमानती) 379 गैर जमानती, 506 (जमानती) धारा लगी है। हमलावर बंदूक लेकर गए थे लेकिन आर्म्स एक्ट नहीं लगाया गया है। आसानी से जमानत या अग्रिम जमानत हो सकती है।
प्रदीप की शिकायत के आधार पर मिशन के सन्यासियों के खिलाफ धारा 447 (जमानती), 188 (जमानती), 506 (जमानती), 3(1)(जी)(आर)(एस) गैर जमानती धारा लगी है। यह बहुत ही कठिन धारा है, जिसमें जिसकी जांच डीएसपी रैंक के अधिकारी द्वारा की जाती है। इसमें सजा छह महीने से पांच साल तक है। इस धारा के तहत कोई अग्रिम जमानत नहीं मीलेगी परिणामस्वरूप आरोपित मिशन सन्यासियों को जमानत नहीं मिलेगी।
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