छत्तीसगढ़

घर वापसी: छत्तीसगढ़ में 130 लोगों ने अपनाया सनातन धर्म, प्रबल प्रताप जूदेव ने सभी के पांव पखार किया स्वागत

Published by
Kuldeep singh

सनातन धर्म की महिमा ही ऐसी है कि एक बार जो व्यक्ति इसके बारे में जानने का प्रयास करता है वो बस इसी का हो जाता है। इसी तरह से छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से बड़ी संख्या में लोगों ने घर वापसी की। बलरामपुर जिले के चांदो कंदरी गांव में हो रहे 10 दिवसीय राम यज्ञ और वनवासी श्रीराम कथा का समापन हो गया है। इस दौरान 50 से अधिक परिवारों के 130 से अधिक लोगों ने हिन्दू धर्म अपना लिया।

रिपोर्ट के मुताबिक, प्रसिद्ध कथावाचक सतानंद महाराज के कार्यक्रम में भाजपा नेता प्रबल प्रताप सिंह जूदेव शामिल हुए। उन्होंने इन वनवासी परिवारों के चरण पखारे। ये सभी लोग कभी ईसाई मिशनरियों के बहकावे में आकर ईसाई बन गए थे। लेकिन, इन सभी लोगों को इनकी जड़ (सनातन धर्म) हमेशा से इन्हें वापस बुला रही थी।

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यह राष्ट्रान्तरण है: प्रबल प्रताप जूदेव

प्रबल प्रताप जूदेव ने सभी लोगों के चरण पखारकर उनका सनातन धर्म में स्वागत किया। साथ ही सभी लोगों से गले मिलकर उनके उज्वल भविष्य की भी कामना की। इस मौके पर भाजपा नेता ने कहा कि इलाके में सेवा के नाम पर लोगों के कन्वर्जन का कुचक्र चलाया जा रहा है। उन्होंने लोगों के घर वापसी पर ये भी कहा कि ये लोगों का मतांतरण नहीं, बल्कि राष्ट्रान्तरण है। उन्होंने ये भी कहा कि हम छत्तीसगढ़ में कन्वर्जन कराने वाली ताकतों को पनपने नहीं देंगे। घर वापसी का ये अभियान चलता रहेगा।

50 लाख बार राम नाम का जाप

वनवासी श्रीराम कथा के 10 दिवसीय आयोजन के दौरान वृंदावन धाम के सतानंद महाराज के नेतृत्व में इस आय़ोजन की शुरुआत कलश यात्रा के साथ हुई। करीब तीन किलोमीटर की यात्रा कर श्रद्धालु रिगड़ नदी जनकपुर से जल लेकर श्री राम मंदिर पहुंचे। राम कथा के दौरान डेढ़ लाख बार आहुतियां और 50 लाख बार राम नाम का जाप भक्तों ने किया।

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