कर्णावती: गुजरात में चल रहे सरकारी और ग्रांटेड मदरसों का सर्वे किया जाएगा। शिक्षा विभाग की तरफ से इस बारे में आदेश किया गया है। राज्य के मदरसा में पढ़ने वाले गैरमुस्लिम बच्चों की शारीरिक जांच करने एवं मदरसों की मैपिंग के आदेश भी दिए गए हैं।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की तरफ से गुजरात सरकार के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा गया था। पत्र के आधार पर शिक्षा विभाग ने कमिश्नर ऑफ़ स्कूल, कचहरी और प्राथमिक शिक्षा निदेशक की कचहरी को राज्य में चल रहे सरकारी और ग्रांटेड या मान्यता प्राप्त मदरसा में पढ़ने वाले गैरमुस्लिम बच्चों के शारीरिक जांच करने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा मदरसों की मैपिंग करने और मदरसा में पढ़ने वाले तमाम बच्चे अन्य सामान्य स्कूल में अभ्यास कर रहे हैं या नहीं इस बात की जांच करने के भी आदेश दिए हैं।
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इस आदेश के तहत तमाम DEO और DPOO को अधिकारियों की टीम बनाकर मदरसा में कार्यवाही करनी होगी। बता दें कि पूरे गुजरात में 1200 मदरसे अभी चल रहे हैं, जिसमें से अमदाबाद शहर में 175 और ग्राम्य अमदाबाद में 30 मदरसा हैं। तमाम मदरसों में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के द्वारा जांच की जाएगी और बाद में वह ऑनलाइन रिपोर्ट फाइल करेंगे। इस रिपोर्ट को निश्चित समयसीमा में पूर्ण करने के भी आदेश दिए गए हैं।
मदरसों में क्या जाँच होगी?
मदरसों में अधिकारियों के द्वारा जो जांच की जाएगी उसमें मदरसा के संचालक का नाम, ट्रस्ट या संस्था का नाम, जिस संस्था ने मदरसा को मंजूरी दी उसका नाम, मदरसा में कितने कमरे/क्लास हैं, बच्चों के अभ्यास का समय, टीचर्स को दी जानेवाली सैलेरी कहां से आती है, अभ्यास करने वाले बच्चों की उम्र और बच्चे अन्य किस स्कूल में पढ़ते हैं/नहीं करते हैं। इस तरह के सवाल पूछे जाते हैं।
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