‘आरक्षण कभी धर्म के आधार पर नहीं हो सकता है। लेकिन फिर भी अगर आप मुसलमानों को आरक्षण देन ही चाहते हो तो पाकिस्तान चले जाओं और जितना रिजर्वेशन चाहो उतना दो।’ ये कहना है कि असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा का। वो लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार के सीवान में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने लालू प्रसाद यादव के आरक्षण वाले बयान पर पलटवार किया।
उन्होंने कहा कि हमारे डॉ राजेंद्र प्रसाद और डॉ बाबा साहेब आंबेडकर ने हमें एक संविधान दिया है, जो कि हमारे लिए भगवदगीता की तरह ही पवित्र है। संविधान में स्पष्ट रूप से लिखा है कि एसटी/एससी/ओबीसी को आरक्षण दिया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन तीनों ही वर्गों को रिजर्वेशन साथ ही अति पिछड़ा आयोग और उसे संवैधानिक स्वीकृति भी दिलाई।
सरमा ने कहा कि अब लालू यादव कह रहे हैं कि मुसलममानों को भी आरक्षण देना चाहिए। धर्म के आधार पर भारत में आरक्षण हो सकता है क्या? लेकिन कर्नाटक में कांग्रेस ने मुसलमानों को 7 प्रतिशत का रिजर्वेशन दिया। इसके लिए उसने (कांग्रेस) ओबीसी का कोटा कम कर दिया। आंध्र प्रदेश में भी मुस्लिमों को रिजर्वेशन दिया और अब लालू यादव पूरे देश में मुस्लिमों के आरक्षण की बात कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री सरमा ने लालू प्रसाद यादव के बयान पर कहा कि पहले जैसे अब हिन्दू नहीं रहा। अब हिन्दू जाग गया है। धर्म के नाम पर मुस्लिमों को आरक्षण दिया ही नहीं जा सकता है। लेकिन फिऱ भी अगर आप मुस्लिमों को रिजर्वेशन देना ही चाहते हो तो पाकिस्तान चले जाओ।
क्या कहा था लालू ने
गौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव ने 8 मई को एक बयान जारी कर देशभर के मुस्लिमों को आरक्षण देने की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि मुसलमानों को आऱक्षण तो मिलना ही चाहिए। पूरा आरक्षण मिलना चाहिए। दरअसल, लालू यादव की दो बेटियां भी चुनावी मैदान में हैं और इसलिए उन्होंने एमवाई फैक्टर को जमकर भुनाने की कोशिश की थी।
हालांकि, एनडीए कड़े तेवरों के बीच 4 घंटे में ही लालू यादव अपने बयान से पलट गए ।
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