हां से पाए’ ये वो लोकोक्ति है जो कि आज पाकिस्तान पर बिल्कुल फिट बैठ रही है। उसने भारत को तबाह और बर्बाद करने के लिए आतंकियों को पनाह दी। उन्हें पाला पोषा और सोचा कि वक्त आने पर भारत के खिलाफ इनका इस्तेमाल करेगा। लेकिन, जिस आतंकवाद रूपी आस्तीन के सांप को उसने पाला वही उसे डस रहा है। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने नेशनल असेंबली में सबमिट रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है कि पिछले वर्ष (2023) में पाकिस्तान में 1514 आतंकी घटनाएं हुईं।
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इन आतंकी हमलों में 930 लोगों की मौत हुई। कानून व्यवस्था के ऊपर पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में पेश इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में आतंकी हमलों में 572 सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई, जबकि कुल 358 नागरिकों की मौत हो गई। इन हमलों में 700 लोग घायल भी हुए हैं। पाकिस्तान सरकार ने विशेष रूप से खैबर पख्तूनख्वा की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें बताया गया है कि केपी में कुल 858 आतंकी हमले हुए थे, 402 सुरक्षा कर्मियों औऱ 178 लोगों की मौत एक साल में हुई।
जबकि, बलूचिस्तान में 626 आतंकवादी हमलों में 148 सुरक्षाकर्मी औऱ 198 नागरिकों की मौत हुई। वहीं सिंध में 8 सुरक्षाकर्मी मारे गए। यहां 6 की मौत हुई और 26 घायल हुए। इसके अलावा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक साल में कुल 8 आतंकी हमले हुए। इन हमलों में 11 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई औऱ 2 लोग घायल हुए थे। इसके अलावा गिलगिट बाल्टिस्तान में 3 आतंकी हमले हुए और 6 लोगों की मौत हो गई थी।
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हद तो इस बात की है कि आतंकियों को पालने के लिए कुख्यात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल में अपने पड़ोंसियों को आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया था। शहबाज शरीफ ने आतंकवाद के संकट को हराने के उद्देश्य की ईमानदारी के साथ एक संयुक्त रणनीति तैयार करने का प्रस्ताव रखा।
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