भोपाल । मध्य प्रदेश के धार स्थित ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा सर्वे का कार्य शुक्रवार को 50वें दिन में प्रवेश कर गया। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर चल रहे इस सर्वे में एएसआई के 12 अधिकारी और 30 श्रमिकों की टीम वैज्ञानिक पद्धति से सर्वे कर रही है। शुक्रवार को सर्वे टीम ने सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक काम किया, जिसमें आधुनिक उपकरणों का उपयोग करते हुए कई प्राचीन संरचनाओं की खोज की गई।
इस सर्वे के दौरान 50वें दिन भोजशाला परिसर के उत्तर दिशा में खुदाई की गई, जहां टीम ने दीवारों के कई हिस्सों की पहचान की है। इन दीवारों में दो दीवारें पूर्व से पश्चिम और एक दीवार उत्तर से दक्षिण की ओर जा रही है। यह दीवारें इतिहास और वास्तुकला के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं।
खुदाई के इस चरण में, एएसआई ने अब तक 12 फीट गहराई तक खुदाई की है। टीम ने बताया कि नींव की गहराई को समझने के लिए खुदाई का कार्य जारी रहेगा। गर्मी के कारण पत्थर के गर्म होने से सर्वे कार्य में कुछ कठिनाइयां उत्पन्न हो रही हैं, लेकिन एएसआई की टीम इस चुनौती का सामना कर रही है और अपने कार्य को पूरी मुस्तैदी के साथ जारी रखे हुए है।
जुम्मे की नमाज के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध
धार के भोजशाला में शुक्रवार को मुस्लिम समाज द्वारा दोपहर एक से तीन बजे तक जुम्मे की नमाज अदा की जाती है। इस वजह से एएसआई की टीम ने अपना सर्वे कार्य सुबह जल्दी शुरू किया और दोपहर 12 बजे से पहले समाप्त कर लिया। नमाज के दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे ताकि सभी पक्षकार सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन कर सकें।
हिंदू पक्षकारों का दृष्टिकोण
हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा ने बताया कि सर्वे कार्य के दौरान बाहरी और भीतरी परिसर में खुदाई की जा रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सर्वे के परिणाम सनातन के पक्ष में आएंगे। इस बीच, हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की राष्ट्रीय अध्यक्ष और याचिकाकर्ता रंजना अग्निहोत्री शनिवार को धार का दौरा करने वाली हैं। वह एएसआई की टीम के साथ मशीनों के उपयोग से संबंधित चर्चा करेंगी और सर्वे के प्रगति का आकलन करेंगी।
रंजना अग्निहोत्री श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी, और श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा के लिए कानूनी लड़ाई में शामिल रही हैं। उन्होंने पिछले महीने भी धार का दौरा किया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस सर्वे को लेकर कई पक्षकारों की नजरें इस पर टिकी हैं।
आगे का रास्ता
सर्वे कार्य अभी जारी है, और एएसआई का यह प्रयास है कि सर्वे को निष्पक्षता और वैज्ञानिकता के साथ पूरा किया जाए। आगे के दिनों में, इस सर्वे से और अधिक ऐतिहासिक जानकारियाँ मिलने की संभावना है, जो भोजशाला की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को और स्पष्ट करेगी।
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