छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में गंगालूर थाना क्षेत्र के पीडिया जंगल में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच एक लंबे समय तक चली मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए हैं। यह मुठभेड़ शुक्रवार सुबह 6 बजे शुरू हुई और 12 घंटे से अधिक समय तक चली। मुठभेड़ के दौरान एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स), डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व ग्रुप), और सीआरपीएफ (सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स) के कोबरा बटालियन समेत बारह सौ जवानों ने हिस्सा लिया।
मुठभेड़ की महत्वपूर्ण जानकारी
बीजापुर जिले के एसपी जितेंद्र यादव ने मुठभेड़ की पुष्टि की है। मुठभेड़ के दौरान 12 नक्सलियों को मार गिराया गया, जिनके शव बरामद कर लिए गए हैं। मारे गए नक्सलियों में डीकेएसजेड, डीव्हीसीएम, और एसीएम कैडर के बड़े नक्सली शामिल हो सकते हैं, जिनकी पहचान की जा रही है।
दो जवान घायल, हालत स्थिर
इस मुठभेड़ में एसटीएफ और डीआरजी के दो जवान घायल हुए हैं। उन्हें तत्काल चिकित्सा सुविधा प्रदान की गई है, और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
मुठभेड़ की जगह से हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद
मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने घटनास्थल से हथियार, विस्फोटक, और दैनिक उपयोग के कई सामान बरामद किए हैं। यह इंगित करता है कि नक्सलियों ने मुठभेड़ के लिए पूरी तरह से तैयारी की थी, लेकिन सुरक्षा बलों की तत्परता और कुशलता के कारण वे हार गए।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी बधाई
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि 12 नक्सली मारे गए हैं। उन्होंने मुठभेड़ में शामिल सभी जवानों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने जवानों की वीरता की प्रशंसा की और कहा कि राज्य में शांति और सुरक्षा के लिए इस तरह की कार्रवाइयाँ ज़रूरी हैं।
नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की जीत
इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल की है, जो नक्सलवाद के खिलाफ उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस घटना से यह साफ होता है कि सुरक्षा बल नक्सलियों को उनके गढ़ में ही चुनौती देने के लिए तैयार हैं और राज्य में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्रों में नक्सलवाद एक प्रमुख समस्या रही है, और सुरक्षा बलों द्वारा की गई इस कार्रवाई से संकेत मिलता है कि सरकार और सुरक्षा बल इस समस्या के समाधान के लिए गंभीर हैं। इस मुठभेड़ से न केवल सुरक्षा बलों के मनोबल में वृद्धि होगी, बल्कि यह भी संदेश जाएगा कि राज्य में नक्सलवाद के लिए कोई स्थान नहीं है।
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