चिंताजनक रिपोर्ट ! 1951 से अब तक 43% बढ़ी मुस्लिम जनसंख्या, इसी अवधि में 8 फीसदी घटे हिन्दू

Published by
Kuldeep singh

ये बहुत ही चिंता का विषय है हिन्दुओं के लिए। अगर आप अभी भी ये सोचते हैं कि आप बहुसंख्यक हैं और वो अल्पसंख्यक तो अपनी नींद से जाइए। अब वो अल्पसंख्यक नहीं रहे। जी हां हम बात कर रहे हैं देश में मुस्लिमों की बेतहाशा बढ़ती आबादी की। केंद्र सरकार की आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 1951 से लेकर अब तक भारत में मुस्लिमों की आबादी में 43% की वृद्धि हुई है। जबकि हिन्दुओं की आबादी में इसी अवधि में 8 फीसदी की कमी दर्ज की गई है।

ये रिपोर्ट वामपंथियों, कट्टरपंथियों और कथित लिबरलों के मुंह पर करारा तमाचा है, जो कि लगातार हिन्दुओं के बहुसंख्यक होने का नरैटिव चलाते रहते हैं।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, 1950 में भारत में हिन्दुओं की संख्या कुल जनसंख्या का 84% थी, जो जो कि 2015 तक घटकर 78 फीसदी हो गई है। वहीं दूसरी तरफ इन 65 वर्षों के दरमियान मुस्लिमों ने तेजी से अपनी जनसंख्या को बढ़ाया है। देश की कुल जनसंख्या में मुस्लिमों की संख्या 9.84 फीसदी से बढ़कर 14.09 प्रतिशत हो गई है।

रिपोर्ट के हिसाब से देखें तो इनकी जनसंख्या देश में तेजी से बढ़ी है। इसका असर भी दिखने लगा है। देश के कई राज्यों में मुस्लिम बहुसंख्यक की भूमिका में है। इनके कारण पूरे के पूरे क्षेत्र की जनसांख्यकी में परिवर्तन देखा जा रहा है। इसके अलावा ईसाइयों की आबादी भी बढ़ी है। समान अवधि में देश में ईसाई समुदाय की संख्या 2.24% से बढ़कर 2.36 फीसदी यानि कि 0.12 प्रतिशत बढ़ी है। वहीं सिखों की जनसंख्या भी 1.24% से बढ़कर 1.85% पर पहुंच गई है।

खास बात ये है कि इसी अवधि में देखें तो देश में जैन और पारसी समुदाय के लोगों की जनसंख्या घटी है। गौरतलब है कि ये स्टडी प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने किया है, जो कि एक इंडिपेंडेंट संस्था है। ये संस्था प्रधानमंत्री को आर्थिक मामलों में सुझाव देती है। इस स्टडी में विशेषज्ञों ने 165 देशों में जनसंख्या का आकलन किया था। इसके मुताबिक, वैश्विक डेटा का अच्छे से विश्लेषण करने से ये स्पष्ट होता है कि कई देशों के उलट भारत में अल्पसंख्यक न केवल तेजी से सुरक्षित हैं, बल्कि फल-फूल भी रहे हैं।

 

 

Share
Leave a Comment

Recent News