यूरोपीय देश नीदरलैंड्स ने भी अपने यहां समाज की शांति भंग कर रहे तत्वों के विरुद्ध जमकर बुलडोजर दौड़ाए। राजधानी एम्सटर्डम में विश्वविद्यालय परिसर में फिलिस्तीन के लिए हायतौबा मचा रहे प्रदर्शनकारी छात्र एक लंबे वक्त से तंबू गाड़कर जगह घेरे बैठे थे। लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने और व्यवस्था कायम करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया। तंबू आदि उखाड़ने के बाद, अड़ियल छात्रों को भगाने के लिए पुलिस ने लाठियों का इस्तेमाल किया।
राजधानी एम्सटर्डम में पुलिस की इस कार्रवाई को वहां के लोगों ने भारत में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस से जोड़कर देखा। जैसे ही परिसर में पुलिस बुलडोजर लेकर पहुंची, पढ़ने—लिखने वाले छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गई, क्योंकि प्रदर्शन के नाम पर आंदोलनजीवियों ने पिछले कई दिनों से पढ़ाई ठप की हुई थी।
भारत में आज अपराधियों के गैरकानूनी ठिकानों या उनके फरार होने पर जिस तरह बुलडोजर चढ़ रहे हैं, कुछ वैसा ही दृश्य कल विश्वविद्यालय परिसर में दिखाई दिया। फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारी छात्र ठगे से खड़े देखते रहे, उन्हें यकीन नहीं आया कि पुलिस बुलडोजरों की मदद से उनके तंबू उखाड़ रही है।
एम्सटर्डम में कल सैकड़ों की तादाद में लोगों ने सड़कों पर मार्च करके इस्राएल के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन किए। प्रदर्शनकारियों ने होलोकॉस्ट मेमोरियल की तरफ बढ़ने की कोशिश की। लोग गाजा युद्ध के विरुद्ध नारे लगाते हुए ‘आजाद, आजा फिलिस्तीन’ बोल रहे थे। इतना ही नहीं, उन्होंने विश्वविद्यालय के आस-पास के इलाके में बाधाएं खड़ी करके यातायात में अवरोध पैदा किया। जमकर नारेबाजी की। आखिरकार आम नागरिकों की शिकायतों और उनकी सुरक्षा के लिए पुलिस को कड़ी कार्रवाई करनी पड़ी।
परिसर में तंबू लगाए प्रदर्शनकारी सुबह से शाम तक फिलिस्तीन की आजादी की मांग के नारे लगाते आ रहे थे। वे यहूदी विरोधी भावनाएं भड़का रहे थे। लेकिन अचानक पुलिस हरकत में आई और चेतावनी देने के बाद बुलडोजर से तंबुओं को हटाना शुरू कर दिया। पुलिस कार्रवाई का विरोध करने वाले छात्रों पर पुलिस ने बल प्रयोग किया और उन्हें दौड़ा—दौड़ाकर पीटा। इस कार्रवाई में 120 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।
पुलिस तथा प्रदर्शनकारियों के बीच परिसर में कई स्थानों पर झड़प हुईपुलिस का कहना था कि यहां भी शायद वैसे ही बाहरी ताकतों के पैसे के बल पर फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शन चलाया जा रहा था जैसा अमेरिका के विश्वविद्यालय परिसरों में चलाया गया था। इन प्रदर्शनों से परिसर में असुरक्षा का महौल तो बना ही था, पढ़ाई भी बाधित हुई थी।
इसके अलावा एम्सटर्डम में कल सैकड़ों की तादाद में लोगों ने सड़कों पर मार्च करके इस्राएल के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन किए। प्रदर्शनकारियों ने होलोकॉस्ट मेमोरियल की तरफ बढ़ने की कोशिश की। लोग गाजा युद्ध के विरुद्ध नारे लगाते हुए ‘आजाद, आजा फिलिस्तीन’ बोल रहे थे। इतना ही नहीं, उन्होंने विश्वविद्यालय के आस-पास के इलाके में बाधाएं खड़ी करके यातायात में अवरोध पैदा किया। जमकर नारेबाजी की। आखिरकार आम नागरिकों की शिकायतों और उनकी सुरक्षा के लिए पुलिस को कड़ी कार्रवाई करनी पड़ी। इस कार्रवाई के कई वीडियो सोशल मीडिया पर भी साझा किए गए।
पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों के लगाए गए अवरोधकों की वजह से आपातकालीन सेवाएं बाधित हो रही थीं। आपदा की स्थिति में लोग घटनास्थल पर ही फंस जाते। दूसरी ओर छात्रों के संगठन ने बयान दिया है कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया, बुलडोजर और पैपर स्प्रे प्रयोग किए।
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