नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर अपने दिए बयान पर घिरते नजर आ रहे हैं। दरअसल राहुल गांधी ने वाइस चांसलर्स की नियुक्ति को लेकर एक बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि वाइस चांसलर्स की नियुक्ति योग्यता और अहर्ता को ताक पर रखकर कुछ संगठनों से संबंधों के आधार पर की जा रही है। उनके द्वारा दिए गए इस बयान के बाद वाइस चांसलरों में आक्रोश है और अब देश के करीब 200 विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलरों ने राहुल गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग उठाई है। इन सभी वाइस चांसलों ने एक साझा बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी के आरोपों की निंदा की है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
बतादें, कुलपतियों और वरिष्ठ शिक्षाविदों ने अपना साझा बयान जारी करते हुए राहुल गांधी के आरोपों का खंडन किया और कहा, ”कुलपतियों की नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी है और योग्यता के आधार पर की जा रही है। इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि कुलपति अपने कामकाज में संस्थाओं की मर्यादा और नैतिकता का बोध रखते हैं। इस साझा बयान में आगे यह भी कहा गया कि वैश्विक रैंकिंग को देखें तो भारत के विश्वविद्यालयों में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखा गया है।
वहीं कुलपतियों और वरिष्ठ शिक्षाविदों ने जहां राहुल गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है, तो वहीं 180 वाइस चांसलरों और शिक्षाविदों ने अपने इस साझा बयान में हस्ताक्षर भी किए हैं। जिनमें साहित्य एकाडमी, NCIRT, संगीत नाटक एकडमी, नेशनल बुक ट्रस्ट, UGC, AICTE आदि के प्रमुख शामिल हैं।
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