मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहाड़ों में लग रही आग को आपदा मानते हुए कहा कि वे स्वयं और भाजपा कार्यकर्ता इसे बुझाने के लिए जमीनी प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि चीड़ के पत्तों (पीरूल) को ग्रामीण एकत्र करें, बदले में सरकार उन्हें पैसा देगी।
सीएम धामी ने बुधवार सुबह वनाग्नि और आपदा संबंधी हाई लेवल मीटिंग के बाद कहा कि चीड़ के पत्तों की वजह से आग फैलती है। इस बार तेज गर्मी और हवा की वजह से आग की घटनाएं ज्यादा हैं। कुछ मामलों में वन विभाग की लापरवाही भी सामने आई है, जिसके बाद 17 फॉरेस्ट कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड से ज्यादा आग की घटनाएं देश के अन्य राज्यों में हुई हैं। पिछले तीन दिनों से आग की घटनाओं में कमी आई है। प्रशासन जनसहभागिता से आग बुझाने के काम पर लगा है। वह स्वयं भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ फायर लाइन बनाने और आग बुझाने के लिए आग प्रभावित क्षेत्रों में जा रहे हैं। धामी ने कहा कि हम चारधाम यात्रा से पहले गढ़वाल में आग पर काबू पा लेने के लिए प्रयासरत हैं। कुमायूं क्षेत्र में भी आग की घटनाएं कम हुई हैं। अगले कुछ दिन में बारिश की संभावना है, इससे भी आग ठंडी होगी।
उच्चस्तरीय बैठक
मुख्यमंत्री धामी बैठक के दौरान फायर स्टेशनों पर वनाग्नि की सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई करने और इसकी तत्काल सूचना DFO, CCF, PCCF के कंट्रोल रूम में दिए जाने की व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।
पिरुल लाओ पैसा पाओ
जंगल की आग को कम करने के उद्देश्य से पिरूल को एकत्रित करने के लिए ‘पिरूल लाओ-पैसे पाओ’ मिशन को शुरू करने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए।
मानसून में आपदा प्रबंधन
सीएम ने मानसून सीजन के दृष्टिगत कम से कम रिस्पॉन्स टाइम के साथ राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने और इस अवधि में सड़क, बिजली एवं पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों के लिए खाद्य सामग्री, दवाओं एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की पूर्ण व्यवस्था अभी से सुनिश्चित की जाएगी।
चार धाम यात्रा
चारधाम यात्रा को सुगम एवं सुरक्षित करने के तहत अधिकारियों को यात्रा की साप्ताहिक समीक्षा करने के साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधाओं के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने के निर्देश दिए। चारधाम यात्रा मार्गों पर प्लास्टिक एवं अपशिष्ट प्रबंधन की बेहतर व्यवस्था की जाएगी, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालु पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश लेकर जाएंगे।
50 करोड़ रुपये पिरुल खरीदने के लिए जारी
सीएम धामी ने रुद्रप्रयाग मुख्यालय पहुंचने से पहले पिरुल को सांकेतिक रूप से स्वयं एकत्र किया और *पिरुल लाओ पैसा पाओ* योजना की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि आग की सबसे बड़ी वजह चीड़ के पेड़ों से गिरने वाला पिरुल है जोकि ज्वलनशील है, ग्रामीण इसे एकत्र करें बदले में सरकार 50 रुपये किलो के हिसाब से भुगतान करेगी। उन्होंने कहा कि आज से इस योजना को हर जिले में लागू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 50 करोड़ रु पिरुल खरीद के लिए जारी कर दिए गए है।
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