आका China के तलुए चाट रहे Jinnah के देश ने Taliban को क्यों ठहराया ड्रैगन का अपराधी?
July 22, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

आका China के तलुए चाट रहे Jinnah के देश ने Taliban को क्यों ठहराया ड्रैगन का अपराधी?

पाकिस्‍तान की सेना का सीधा आरोप है कि चीन के मारे गए इंजीनियरों पर हमले का षड्यंत्र अफगानिस्‍तान में ही तैयार किया गया और इसे अंजाम देने वाला भी अफगानी ही था

by WEB DESK
May 8, 2024, 02:40 pm IST
in विश्व
Representational Image

Representational Image

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

पिछले दिनों पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा जिले में एक फिदायीन हमले में चीन के पांच इंजीनियर क्या मारे गए, जिन्ना के कंगाल देश को अफगानिस्‍तान के तालिबान से कथित हिसाब चुकता करने का मौका मिल गया। पाकिस्तान की सेना ने उस कांड के लिए तालिबान के कथित शागिर्द टीटीपी पर आरोप मढ़ते हुए कहा था कि हमले की साजिश भी अफगानिस्तान में रची गई थी। लेकिन इस आरोप को मूक रहकर झेलने की बजाय जिहादी लड़ाकों के गुट तालिबान ने पाकिस्तान की फौज को जमकर खरी—खोटी सुनाई है।

अब एक तरफ तालिबान है तो दूसरी तरफ पाकिस्‍तान की सेना है। पाकिस्तान के बारे में सब जानते हैं कि वह चीन के फैंके टुकड़ों पर पल रहा है। इसलिए उसने उस घटना से अपना पल्ला झाड़कर चीन को संतुष्ट करने के लिए तालिबान पर उंगली उठाने में देर नहीं लगाई। पाकिस्‍तान की सेना का सीधा आरोप है कि चीन के मारे गए इंजीनियरों पर हमले का षड्यंत्र अफगानिस्‍तान में ही तैयार किया गया और इसे अंजाम देने वाला भी अफगानी ही था। पाकिस्तान के आरोप पर पलटवार करते हुए तालिबान ने कहा है कि इससे साफ होता है कि पाक‍िस्‍तान की सेना कितनी कमजोर है। तालिबान ने यह कहते हुए हमले में उसकी किसी तरह की संलिप्तता से इंकार किया है।

पाकिस्तान ने चीन को संतुष्ट करने के लिए तालिबान पर उंगली उठाने में देर नहीं लगाई। पाकिस्‍तान की सेना का सीधा आरोप है कि चीन के मारे गए इंजीनियरों पर हमले का षड्यंत्र अफगानिस्‍तान में ही तैयार किया गया और इसे अंजाम देने वाला भी अफगानी ही था।

पाकिस्‍तान की सेना की ओर से उसके प्रवक्‍ता ने बाकायदा बयान देकर अफगानिस्‍तान के सिर पर ठीकरा फोड़ा है। लेकिन इस पर बौखलाते हुए तालिबान के रक्षा मंत्रालय ने हमले में किसी भी अफगानी व्यक्ति या साजिश से इंकार कर दिया। उसका कहना है कि पाकिस्‍तान की सेना का आरोप दिखाता है कि उसकी कोशिश है चीन का उस पर से ध्‍यान भटक जाए।

तालिबान (File Photo)

तालिबान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्‍ता मुफ्ती इनायतुल्‍ला का कहना है कि ऐसे किसी हमले में किसी अफगान की संलिप्तता नहीं है। इस प्रकार की घटनाओं का ठीकरा अफगानिस्‍तान पर फोड़ना बताता है कि पाकिस्तान असल बात से ध्‍यान कहीं और भटकाना चाह रहा है। सब जानते हैं कि खैबर पख्‍तूनख्‍वा जिले में जिस जगह फिदायीन हमला बोलकर चीन के इंजीनियरों की हत्‍या की गई वहां पर पाकिस्‍तान की सेना की कड़ी चौकसी रहती है तो क्या इसके ये मायने नहीं हैं कि पाकिस्‍तानी फौज खुद को कमजोर बता रही है?

विशेषज्ञ मानते हैं कि पाकिस्‍तान ने तालिबान पर ऐसा आरोप इसलिए लगाया है जिससे कि तालिबान की सरकार और चीन में आती जा रही नजदीकी में बाधा आ जाए। चीन इकलौता देश है जिसने तालिबान के राजदूत को मान्‍य किया हुआ है। दरअसल चीन को अपनी सीपीईसी परियोजना काबुल से होते हुए एशिया के दूसरे देशों तक ले जानी है। इसलिए चीन तालिबान को संतुष्ट रखने की कोशिश में है। लेकिन जिन्ना का देश इसलिए उस तालिबान पर आरोप मढ़ने से भी बाज नहीं आया जिसे उसने ही गुप्त सहायता देकर काबुल में जमाया था।

यहां ध्यान देने की बात यह है कि पिछले कुछ महीनों से पाकिस्‍तान और तालिबान में गंभीर रूप से ठनी हुई है। दोनों रह—रहकर एक दूसरे पर आरोप लगाते आ रहे हैं। डूंरंड सीमा को लेकर तालिबान ने पाकिस्‍तान की मुश्कें कसी हुई हैं, उसके कितने ही फौजियों और सुरक्षाकर्मियों को हलाक कर दिया है। तालिबान अंग्रेजों की खींची लकीर को मानने को तैयार नहीं हैं।

उधर जिन्ना का देश तालिबान पर टीटीपी आतंकियों का पोसने के आरोप लगाता आ रहा है। कह रहा है कि तालिबान सरकार उस टीटीपी के विरुद्ध कार्रवाई नहीं कर रही है जो पाकिस्तान की नाक में दम किए हुए है। गत मार्च में पाकिस्‍तान की वायुसेना ने अफगानिस्‍तान में घुसकर बम भी बरसाए थे जिससे तालिबान पहले से ही गुस्से में है।

इसके अलावा पाकिस्‍तान ने अपने यहां से 3 लाख 70 हजार अफगानी शरणार्थियों को देश से निकाल दिया है। ये लोग दसियों साल से पाकिस्तान में बिना कागजात के बसे हुए थे। पाकिस्‍तान तो सीधे सीधे कहता रहा है कि अफगानी उनके देश में हमले करते आ रहे हैं। लेकिन तालिबान इसे फर्जी आरोप बताते रहे हैं।

पाकिस्तान में चीन के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं और पाकिस्‍तान में चल रहे चीनी प्रकल्पों में काम कर रहे हैं। एक अंदाजे के अनुसार, इनकी संख्या लगभग 29 हजार है। चीन के इन नागरिकों की हिफाजत की जिम्मेदारी पाकिस्‍तान के कंधों पर है लेकिन चीन भी जानता है कि वह इस काम में नाकाम रहा है।

पाकिस्तान में चीन के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं और पाकिस्‍तान में चल रहे चीनी प्रकल्पों में काम कर रहे हैं। एक अंदाजे के अनुसार, इनकी संख्या लगभग 29 हजार है। चीन के इन नागरिकों की हिफाजत की जिम्मेदारी पाकिस्‍तान के कंधों पर है लेकिन चीन भी जानता है कि वह इस काम में नाकाम रहा है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि पाकिस्‍तान ने तालिबान पर ऐसा आरोप इसलिए लगाया है जिससे कि तालिबान की सरकार और चीन में आती जा रही नजदीकी में बाधा आ जाए। चीन इकलौता देश है जिसने तालिबान के राजदूत को मान्‍य किया हुआ है। दरअसल चीन को अपनी सीपीईसी परियोजना काबुल से होते हुए एशिया के दूसरे देशों तक ले जानी है। इसलिए चीन तालिबान को संतुष्ट रखने की कोशिश में है जिससे उसके 65 अरब डॉलर की उक्त परियोजना में कोई बाधा न खड़ी हो। लेकिन जिन्ना का देश साजिश रचने में माहिर माना जाता है इसलिए उस तालिबान पर आरोप मढ़ने से भी बाज नहीं आया जिसे उसने ही गुप्त सहायता देकर काबुल में जमाया था।

Topics: briतालिबानसीपीईसी परियोजनाcpec projectTerroristपाकिस्तानPakistanafghanistantalibanचीनattackChina
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू

खालिस्तानी पन्नू करेगा 15 अगस्त पर शैतानी, तिरंगा जलाने और जनमत संग्रह की धमकी के साथ फैला रहा नफरती जहर

Representational Image

ब्रह्मपुत्र को बांध रहा कम्युनिस्ट चीन, भारत के विरोध के बावजूद ‘तिब्बत की मांग’ पूरी करने पर आमादा बीजिंग

मुजफ्फराबाद (पीओजेके) में ध्वस्त किया गया एक आतंकी अड्डा   (फाइल चित्र)

जिहादी सोच का पाकिस्तान आपरेशन सिंदूर में ध्वस्त अड्डों को फिर से खड़ा करेगा, 100 करोड़ में चीनी कंपनी से बनवाएगी सरकार

Britain Afghan Data breach

ब्रिटेन में अफगान डेटा लीक: पात्रों की जगह अपराधियों को मिल गई शरण, अब उठ रहे सवाल

टीआरएफ की गतिविधियां लश्कर से जुड़ी रही हैं  (File Photo)

America द्वारा आतंकवादी गुट TRF के मुंह पर कालिख पोतना रास नहीं आ रहा जिन्ना के देश को, फिर कर रहा जिहादी का बचाव

Donald Trump

पाकिस्तान ने ट्रंप को लेकर कही थी ये बात, अमेरिका ने खोल दी उसके झूठ की पोल

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘पार्टी में इनकी हैसियत क्या है?’, शशि थरूर ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की स्थिति पर उठाया सवाल

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की पूरी टाइमलाइन : जानिए 10 घंटे में क्या हुआ, जिसने देश को चौंका दिया..?

खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू

खालिस्तानी पन्नू करेगा 15 अगस्त पर शैतानी, तिरंगा जलाने और जनमत संग्रह की धमकी के साथ फैला रहा नफरती जहर

लव जिहाद : राजू नहीं था, निकला वसीम, सऊदी से बलरामपुर तक की कहानी

लव जिहाद और जमीन जिहाद की साजिशें बेनकाब : छांगुर नेटवर्क के पीड़ितों ने साझा की आपबीती

मुरादाबाद : लोन वुल्फ आतंकी साजिश नाकाम, नदीम, मनशेर और रहीस गिरफ्तार

हर गांव में बनेगी सहकारी समिति, अब तक 22,606 समितियां गठित: अमित शाह

खुशखबरी! ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने पर अब दिल्ली सरकार खिलाड़ियों को देगी 7 करोड़ रुपये

पेटीएम ने राशि का भुगतान नहीं किया राज्य आयोग ने सेवा दोष माना

एअर इंडिया ने अपने बोइंग 787 और 737 विमानों की जांच के बाद कहा- कोई समस्या नहीं मिली

बांग्लादेशी घुसपैठियों के बल पर राजनीति करने वाले घबराए हुए हैं : रविशंकर प्रसाद

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies