जैन समाज व संत श्री सुनील सागर महाराज मंगलवार को फवारा सर्कल से दरगाह बाजार होते हुए ढाई दिन का झोपड़ा पहुंचे हैं। इस दौरान जैन मुनियों के साथ विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल भी पहुंचे हैं। बतादें जैन समाज के अनुसार ढाई दिन का झोपड़ा पूर्व में संस्कृत विद्यालय होने से भी पूर्व एक जैन मंदिर या जैन स्थल था। वहीं इस दौरान जब ये लोग वहां पहुंचे तब स्थानीय मौलाना ने इनके साथ विवाद किया, स्थानीय मौलाना ने संतों को नग्न अवस्था में अंदर प्रवेश करने पर रोक लगाई। जिस पर परिषद के कार्यकर्ताओं ने विरोध किया। समझाइश के बाद संत और परिषद के पदाधिकारी अंदर गए। जहां ढाई दिन के झोपड़े का मौका मुआयना किया गया।
ढाई दिन का झोपड़ा ऐतिहासिक धरोहर
इस दौरान संपूर्ण कार्यक्रम को सुरक्षा मुहिया करवाने के लिए विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल अजमेर महानगर मौजूद रहा। महानगर प्रचार प्रमुख तरुण मेहरा ने बताया की वर्षों से अवगत है कि ढाई दिन का झोपड़ा एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर है, अतः आज यहां का अवलोकन संतों द्वारा किया गया तथा अब जैसे भी भविष्य में संतों का निर्णय और मार्गदर्शन रहेगा उस पर संपूर्ण समाज व परिषद सहयोग करेगा। अवलोकन के दौरान विहिप प्रांत सह मंत्री शशि प्रकाश, जिला मंत्री संजय, सह मंत्री ओम राय, शेखर उबाना, बजरंगदल संयोजक दीपक सहित विनीत जैन, राजेंद्र लालवानी, धनेश गोयल आदि मौजूद रहे|
‘हमारी सांस्कृतिक धरोहर जीवित रहना चाहिए’
वहीं आचार्य सुनील सागर जी महाराज 7 मई को प्रात: काल नसियां जी से ढाई दिन का झोपड़ा सांस्कृतिक धरोहर को देखने के लिए अपने 41 पिछी ससंघ के साथ एवम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं के साथ विहार पर निकले। दिल्ली गेट, दरगाह बाजार होते हुए अचार्य ससंघ ढाई दिन झोपड़ा स्थल पर पहुंचे और धार्मिक सांस्कृतिक धरोहर को देखकर आचार्य जी ने कहा की इतिहास गवाह है कि किस तरह से हमारे पूर्वजों ने धर्म संस्कृति को बनाए रखा इतिहास के पन्नों को टटोला जाए तो हमारी पौराणिक संस्कृति हमारे इतिहास का परिचय दे देगी । संस्कृत पाठशाला एवं मंदिर के पौराणिक अवशेष के संकेत आज भी परीदर्शित होते हैं। इस दौरान विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री शशि प्रकाश इंदौर, संजय तिवारी, तुलसी सोनी आदि साथ थे। जैन समाज के विनीत जैन, सुनील जैन, प्रदीप पाटनी आदि भी उपस्थित रहे ।
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