खुद को इस्लामी जगत का ‘खलीफा’ मानने वाले तुर्किए के राष्ट्रपति रैसिप तैयब एर्दोगन अपने यहां चर्च को मस्जिद में बदलने के लिए कुख्यात हैं। गत दिनों वहां के एक और प्रसिद्ध चर्च को मस्जिद में बदलकर एर्दोगन ने अपने यहां ‘इस्लाम का झंडा’ बुलंद करने की कोशिश की है।
दुनिया जानती है कि जुलाई 2020 में इसी देश ने ऐतिहासिक चर्च हागिया सोफिया को मस्जिद में बदला था। उस वक्त पोप के अलावा अनेक ईसाई देशों ने तुर्किए की इस हरकत पर आक्रोश जताया था। लेकिन अब उसके सिर्फ चार साल बाद है एक अन्य मशहूर चोरा चर्च को मस्जिद में बदल दिया गया है। इस चर्च को तुर्किए में ‘करिए’ पुकारा जाता है। गत सोमवार को राष्ट्रपति एर्दोगन ने इस चर्च को मस्जिद बना देने की सरकारी मुनादी की।
इस्तांबुल के ऐतिहासिक हागिया सोफिया चर्च के बाद चोरा को मस्जिद बना देने की स्वाभाविक तौर पर ईसाई देशों ने तीखी आलोचना की है और अपना गुस्सा प्रकट किया है। ऐसा करने वालों में तुर्किए के ठीक सागर पार स्थित ग्रीस ने पहल की और इस कार्रवाई को हैरानी पैदा करने वाली बताया।
इस्तांबुल के ऐतिहासिक हागिया सोफिया चर्च के बाद चोरा को मस्जिद बना देने की स्वाभाविक तौर पर ईसाई देशों ने तीखी आलोचना की है और अपना गुस्सा प्रकट किया है। ऐसा करने वालों में तुर्किए के ठीक सागर पार स्थित ग्रीस ने पहल की और इस कार्रवाई को हैरानी पैदा करने वाली बताया।
इसी चोरा चर्च का हागिया सोफिया की तरह ही दसियों साल से एक संग्रहालय के नाते प्रयोग किया जाता रहा था। लेकिन अब ये दोनों ‘संग्रहालय’ मस्जिद बनाकर ‘खलीफा’ तुर्किए इस्लामी झंडा लहरा रहा है।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र ने इन चर्च को विश्व धरोहर स्थलों के नाते दर्ज किया हुआ है। वैश्विक संगठन संयुक्त राष्ट्र ने तुर्किए से विशेष आग्रह किया था कि ये दोनों स्थल बाइजेंटाइन काल की स्मृतियां हैं, इनकी हर तरह से हिफाजत की जाए। लेकिन इस्लामवादी तुर्किए ने हिफाजत के नाम पर इन्हें मस्जिद बना डाला।
इस चोरा चर्च को लेकर अंकारा में एक खास कार्यक्रम किया गया था। इसमें राष्ट्रपति एर्दोगन ने चोरा और कुछ अन्य इमारतों का उद्घाटन किया जिनका हाल ही में जीर्णोद्धार किया गया था।
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