ISIS की सोच को बढ़ावा देने और आतंक फैलाने वाले पांच आरोपियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। NIA कोर्ट ने इन्हें जेल की सजा सुनाई है। आरोपियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं। इन पर भारत में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रचने के साथ-साथ प्रतिबंधित इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) की ओर से षड़यंत्र रचने के मामले में ये सजा सुनाई गई है।
राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में पति-पत्नी की हुई थी गिरफ्तारी
बतादें, कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सोमवार को एक बयान जारी कर बताया था, कि पांच में एक आरोपी पर भारत में खिलाफत स्थापित करने की साजिश का आरोप लगा है। इतना ही नहीं उस पर आरोप यह भी है कि उसने एक ही दिन में 100 IED विस्फोट करने की साजिश रची थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 8 मार्च 2020 को दो आरोपी जिनका नाम जहांजैब सामी वानी और उसकी पत्नी हिना बशीर बेघ को गिरफ्तार किया था। इन्हें ISKP से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जिस वक्त इनकी गिरफ्तारी हुई थी तब पुलिस ने दिल्ली के ओखला विहार और जामिया नगर से इन दोनों को गिरफ्तार किया था। तब पुलिस को जानकारी मिली थी कि ये दोनों भारत में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने का षड़यंत्र रच रहे हैं।
मेडिकल का छात्र भी आतंकी गतिविधियों में था शामिल
इतना ही नहीं 12 जुलाई 2020 को पुणे से NIA ने दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया था। जिनका नाम सादिया अनवर शेख और नबील एस खत्री था। इसके अलावा अगस्त, 2020 में अब्दुर रहमान उर्फ डॉ. ब्रेव को NIA द्वारा गिरफ्तार किया गया था।
फिलहाल, अब्दुर रहमान के खिलाफ केस चल रहा है। जारी बयानों में जानकारी दी गई है, कि अब्दुर रहमान बंगलुरु में MBBS की पढ़ाई करता था। जिसके बाद वह उन अन्य आरोपियों के संपर्क में आया और उन्होंने उसे कट्टरपंथी बनाया था। इतना ही नहीं अब्दुल साल 2013 में सीरिया भी गया था। जहां वो ISIS की अन्य आतंकवादी गतिविधियों में शामिल भी हुआ था। अब्दुल ने आतंकवादियों के स्वास्थ्य और उनके इलाज को लेकर एक मेडिकल एप्लिकेशन और ISIS के लिए एक लेजर गाइडेड एंटी-टैंक मिसाइल एप्लिकेशन को भी बनाना सीखा था।
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