भारत के पड़ोसी जिन्ना के देश में भारतीय योग की शुरुआत हो गई है। पड़ोसी इस्लामी देश के इतिहास में पहली बार वहां अब योग कक्षाएं लगने वाली हैं। और ऐसा देश के किसी छोटे शहर, कस्बे में नहीं होने जा रहा है, बल्कि राजधानी इस्लामाबाद के एक बड़े नामी पार्क में योग पर मुफ्त कक्षाएं लगेंगी।
इस पर भरोसा इस वजह से आता है क्योंकि ऐसी घोषणा खुद इस्लामाबाद के राजधानी विकास प्राधिकरण ने की है। इतना ही नहीं, पिछले दिनों प्राधिकरण ने इस्लामाबाद के रिहायशी इलाके में मौजूद इस पार्क में अनुमान लगाने की गरज से स्थानीय लोगों के लिए मुफ्त योग कक्षाएं लगाईं। इन कक्षाओं में भाग लेने वालों की तादाद भी खूब रही। लोगों ने इसे पसंद भी किया और इस शुरुआत की तारीफ भी की।
अपनी इस्लामी सोच और कायदों की कसमें खाने वाले जिन्ना के देश में योग से खास दूरी बनाए रखी गई थी। यहां यह बात भी ध्यान रखनी चाहिए कि इस्लाम के झंडाबरदार सुन्नी देश सउदी अरब तक में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योग प्रदर्शन किया जाता है और वहां एक संस्था बाकायदा योग प्रशिक्षण देती आ रही है।
उल्लेखनीय है भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने दुनियाभर में योग को प्रसिद्ध कर दिया है। उन्हीं के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र ने 11 दिसम्बर 2013 को हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। मोदी द्वारा रखे गए उक्त प्रस्ताव के समर्थन में यूएन के 175 देश सहर्ष तैयार हुए थे।
इस्लामाबाद में योग कक्षाओं का शुरू होना भारत में भी अनेक लोगों के आश्चर्य का विषय बना हुआ है। वे हैरान हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विश्वभर में जिस योग की महत्ता स्थापित की गई है उसे अब जाकर कट्टर इस्लामी पाकिस्तान ने भी स्वीकारा है। भारतीय संस्कृति में तो योग और आयुर्वेद का अपना विशिष्ट स्थान है ही।
इस्लामाबाद के राजधानी विकास प्राधिकरण के खेल एवं संस्कृति विभाग की ओर से ही राजधानी के लोगों के लिए इस्लामाबाद के एक मशहूर पार्क में मुफ्त योग सत्र का सफल आयोजन होना स्थानीय लोगों में भी कौतुहल जगा रहा है। प्राधिकरण ने गत 2 मई को प्रयोग के तौर पर यह कक्षा लगाई। इस्लामाबाद का एफ-9 पार्क बीचोंबीच है इसलिए यहीं पर यह प्रयोग शुरू किया गया। प्राधिकरण ने सोशल मीडिया पर इस बाबत जानकारी दी कि सेहत तथा खुशहाली की इच्छा रखने वाले बहुत से लोग इस कार्यक्रम से जुड़े हैं।
आगे बताया गया कि मुफ्त योग कक्षाएं दो पालियों चलाई गई थीं, एक पाली सुबह 6 से 8 बजे तक चली और दूसरी पाली शाम 4:30 से 6:30 बजे तक चली। इन कक्षाओं में हर उम्र के पुरुष और महिलाएं बढ़—चढ़कर शामिल हुए, इन कक्षाओं का कोई शुल्क नहीं लिया गया था। प्राधिकरण का दावा है कि वह लोगों की सेहत को बहुत मोल देने का प्रयास करता है।
उल्लेखनीय है भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने दुनियाभर में योग को प्रसिद्ध कर दिया है। उन्हीं के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र ने 11 दिसम्बर 2013 को हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। मोदी द्वारा रखे गए उक्त प्रस्ताव के समर्थन में यूएन के 175 देश सहर्ष तैयार हुए थे।
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