मुंबई में सरस्वती साधना प्रोग्राम का आयोजन 1 मई 2024 को वर्ली के एनएससीआई डोम में हुआ था1। इस कार्यक्रम का आयोजन ‘सरस्वती साधना रिसर्च फाउंडेशन’ द्वारा किया गया था, जिसमें जैन समुदाय और उनके अनुयायियों की एक बड़ी भीड़ उपस्थित थी। इस अवसर पर, जैन भिक्षु अजीतचंद्र सागरजी ने अपनी असाधारण स्मरण शक्ति का प्रदर्शन किया था, जिसमें उन्होंने एक हजार शब्दों को क्रम से याद किया और फिर उन्हें हूबहू दोहराया।
जैन भिक्षु अजीतचंद्र सागरजी ने अपनी अद्वितीय उपलब्धि के लिए प्रशंसा पाई है। वे नहीं सिर्फ 1000 शब्दों को याद किया, बल्कि उन्होंने इसे हूबहू दोहराया, जिससे वे एक अनूठा क्षितिज दर्ज करते हैं। उनकी यह उपलब्धि अत्यधिक समर्थन और प्रेरणा का केंद्र बन चुकी है, जो उनके ध्यान, समर्पण और निरंतर प्रयास का परिणाम है। उनका यह रिकॉर्ड न केवल एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है, बल्कि यह भी दिखाता है कि इच्छाशक्ति और अदम्य संवेदनशीलता के साथ, हम कितनी अद्भुत चीजें कर सकते हैं।
यह उनके ध्यान, समर्पण, और सख्त प्रयास का परिणाम है, जिससे वे 650 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हैं। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उन्हें इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है, बल्कि यह भी हमें यह दिखाता है कि इच्छाशक्ति और प्रतिबद्धता के साथ, हम कितनी महान उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं। इस प्रदर्शन से प्रेरित होकर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्कूलों में सरस्वती साधना शुरू करने की घोषणा की। उनका मानना है कि यह साधना छात्रों को भविष्य में सफल होने में मदद करेगी। इस कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा और बॉलीवुड निर्देशक सुभाष घई जैसी हस्तियां भी उपस्थित थीं।
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