उत्तर प्रदेश के बरेली से घर वापसी का मामला प्रकाश में आया है, जहां शम्मा परवीन नाम की मुस्लिम युवती ने अपने प्रेम को प्राप्त करने के लिए सनातन धर्म अपना लिया। इसी के साथ उसने अपना नाम बदलकर पूनम देवी रख लिया।
क्या है पूरा मामला
ये मामला कुछ यूं है कि मूल रूप से बिहार के जनपद जगदीशपुर औरंगाबाद सलाउद्दीन की रहने वाली शमा परवीन और बलिया के रहने वाले शिवम शर्मा की मुलाकात एक साल पहले होती है। ये मुलाकात जल्द ही दोस्ती में बदल जाती है। दोनों ने एक-दूसरे के मोबाइल नंबर लिए। कुछ दिनों तक फोन पर बात हुई। इसी दौरान ये दोस्ती कब प्रेम में बदल गई, पता ही नहीं चला। एक साल तक रिलेशन में रहने के बाद दोनों ने एक होने का फैसला किया।
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इसके बाद अपने प्रेमी से शादी करने के लिए शम्मा परवीन ने सनातन धर्म अपनाते हुए घर वापसी कर ली। घर वापसी के बाद उसने कहा कि मेरे पूर्वज हिन्दू ही थे। शम्मा ने कहा कि इस्लाम में महिलाओं की कोई इज्जत नहीं होती है। इसीलिए मैंने सनातन धर्म में घर वापसी की है।
घर वापसी के बाद शंम्मा परवीन शिवम के साथ बरेली के एक आश्रम में पहुंची और वहां के आचार्य से शादी कराने का निवेदन किया। इसके बाद वैदिक रीति-रिवाजों के तहत दोनों ने सात फेरे लिए। दोनों ने साथ में जीने-मरने की कसमें खाई। शिवम ने शम्मा से पूनम बनी मुस्लिम युवती की मांग में सिंदूर भरा और आचार्य से आशीर्वाद प्राप्त किया। उल्लेखनीय है कि शम्मा परवीन जहां हाई स्कूल पास है तो वहीं शिवम ने 8वीं तक की पढ़ाई के बाद अपना खुद का धंधा शुरू कर दिया। वह ज्वेलरी का काम करता है।
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इस मौके पर जिस बात को कट्टरपंथी मौलाना हमेशा छुपाने की कोशिशें करते हैं, शम्मा ने बयां कर दिया। उसने बताया कि इस्लाम में चचेरे भाई, सगे मौसेरे भाई से भी निकाह किया जाता है, गोमांस भी खिलाया जाता है। शम्मा ने कहा कि मुझे ये बातें बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगती है।
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