हाल ही में ब्रिटेन की संसद ने शरणार्थियों को लेकर रवांडा योजना को पारित कर दिया है और अब यह योजना कानून के रूप में सामने आ गई है। प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के अनुसार रवांडा के लिए पहली फ्लाइट दस से बारह दिनों के भीतर चली जाएगी।
यूके में इंग्लिश चैनल पार करके हजारों लोग अवैध रूप से शरण लेने के लिए आते हैं। ब्रिटेन में अब ये शरणार्थी लोगों के लिए समस्या बनने लगे हैं और यही कारण है कि पिछले वर्ष ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने “छोटी नावों को रोकने के लिए” कानून बनाने का वादा किया था। छोटी-छोटी नावों से शरणार्थी यूरोप के कई देशों में जा रहे हैं।
जनवरी 2023 में अपने एक भाषण में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने यह कहा था उन सभी शरणार्थियों को रोका जाना प्राथमिकता है, जो छोटी-छोटी नावों में बैठकर इंग्लिश चैनल पारकर यूके में शरण लेने के लिए आते हैं। वर्ष 2023 के इस समाचार के अनुसार वर्ष 2022 में कुल 45,700 लोगों ने यूके में शरण ली थे, जो वर्ष 2021 की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक थी। सुनक ने यह वादा किया था कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि गैर कानूनी तरीके से देश मे आने पर लोगों को न केवल हिरासत में लिया जाएगा बल्कि हटाया भी जाएगा।
इसी वादे को पूरा करने के लिए संसद ने अब यह कानून पारित किया है। हालांकि यह योजना पहले भी लाई गई थी, परंतु वहाँ के सर्वोच्च न्यायालय ने इस योजना को गैरकानूनी घोषित कर दिया था। अब योजना के स्थान पर कानून लाया गया है। ब्रिटेन में अवैध शरणार्थी एक बहुत बड़ा मामला है। वर्ष 2022 के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार ब्रिटेन में 745,000 लोगों ने शरण ली और सुनक ने कई कदम ऐसे उठाए हैं, कि जिससे यह अवैध प्रवासन घटकर 3,00,000 तक रह जाए।
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा इस योजना का आरंभ किया गया था, और जिसमें यह प्रावधान था कि यदि ब्रिटेन मे 1 जनवरी 2022 के बाद जो भी अवैध रूप से प्रवेश करेगा तो उसे लगभग 6400 किलोमीटर दूर रवांडा भेज दिया जाएगा।
उस समय इस योजना को लेकर बहुत हंगामा हुआ था और यह कहा गया था कि यदि शरणार्थी कहीं और भेज दिए जाएंगे या फिर उन्हें उनके देश वापस भेज दिया जाएगा तो उनके साथ बुरा व्यवहार होने की आशंका है और तमाम तर्कों के साथ इस योजना को वहाँ के सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था।
परंतु इसके बाद कई नियमों और अनुबंधों पर बहस के बद सरकार एक नीति लेकर आई है जिसमें यह कहा गया है कि छोटी नावों या फिर किसी भी अन्य अनियमित माध्यम से ब्रिटेन में अवैध रूप से आने वाले लोगों को ब्रिटेन में शरण नहीं दी जाएगी, बल्कि इसके स्थान पर उन्हें रवांडा भेजा जाएगा, जहां पर उनके शरण लेने वाले मामले की सुनवाई होगी और अगर वह सफल रहते हैं तो फिर उन्हें वहीं पर बसने की अनुमति होगी।
हालांकि अभी तक एक भी शरणार्थी को रवांडा भेजा नहीं गया है, मगर फिर भी ब्रिटेन की एक स्वतंत्र जांच संस्था ने यह पाया कि सरकार 2024 के अंत तक रवांडा को £370 मिलियन, या लगभग $457 मिलियन का भुगतान कर देगी। और यदि उड़ानें शुरू हुईं तो नीति को पूरा करने की लागत और भी बढ़ जाएगी।
यह भी अभी तक स्पष्ट नहीं है कि आखिर कितने लोगों को रवांडा भेजा जाएगा, परंतु ऋषि सुनक का कहना है कि गर्मी के महीने में और बाद में एक महीने में कई उड़ाने वहाँ जाएंगी।
जहां यह बात पूरी तरह से सत्य है कि ब्रिटेन में कई लोग अवैध शरणार्थियों की समस्या को लेकर परेशान हैं तो वहीं एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो शरणार्थियों को कहीं और भेजे जाने के पक्ष में नहीं है। बीबीसी के अनुसार जैसे ही यह कानून पारित हुआ वैसे ही अवैध प्रवासन मे मंत्री मिशेल टॉमलिसन ने कहा कि अब यह अपेक्षा की जानी चाहिए कि कई प्रकार के मुकदमे आदि सामने आएंगे। ये मुकदमे केवल व्यक्तिगत शरणार्थियों की ओर से ही नहीं होंगे जो अपने बाहर भेजे जाने के खिलाफ अपील करेंगे, बल्कि शरणार्थी संगठन विशेषज्ञों की ओर से भी होंगे। सोशल मीडिया पर भी इसका विरोध लगातार हो रहा है।
यह भी उड़ान संचालकों से अनुरोध किया जा रहा है कि वे अपने जहाज इस योजना के लिए न दें। यह भी कहा जा रहा है कि यह कानून मानवाधिकार का भी उल्लंघन है। वहीं इस कानून के पारित होते ही आयरलैंड में शरणार्थियों की संख्या बढ़ने लगी है। शुक्रवार को आयरलैंड के उप प्रधानमंत्री मिशेल मार्टिन ने कहा कि रवांडा भेजे जाने की धमकी के कारण लोग अब उत्तरी आयरलैंड से सीमा पारकर आयरलैंड आने लगे हैं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सुनक का यह कहना है कि मार्टिन की टिप्पणियों से यह पता चलता है कि यह योजना सफल हो रही है। और उन्होंने कहा कि अवैध प्रवासन एक वैश्विक चुनौती है, यही कारण है कि कई देश अब तीसरे देश के साथ मिलकर इस समस्या को हल करने का रास्ता खोज रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि इस संधि के बदले मे रवांडा चाहता है कि ब्रिटेन यूके में रह उन पाँच लोगों की सजा को आगे बढ़ाए जिनपर अफ्रीकी देशों मे जीनोसाइड का संदेह है।
टेलीग्राफ के अनुसार, रवांडा के उच्चायुक्त जॉन्सटन बसिंगये ने ब्रिटेन से आग्रह किया है कि वह 1994 के जीनोसाइड में उनकी कथित संलिप्तता के लिए प्रत्यर्पण या फिर मुकदमे की कार्यवाही की सुविधा प्रदान करे, जिसमें 800,000 से अधिक तुत्सी मारे गए थे। यह बात पूरी तरह से सत्य है कि यूरोप मे अवैध शरणार्थियों की समस्या बढ़ रही है और यही कारण है कि अब और अन्य यूरोपीय देश जैसे ऑस्ट्रिया और जर्मनी जैसे देश भी शरणार्थियों को किसी और देश में ही आगे बढ़ाने के लिए अनुबंध की तलाश में है।
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