उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अवैध रंग से संचालित मदरसे में जब छापा मारा गया तो वहां पर मुसलमान बच्चों को दीनी तालीम दी जा रही थी। मदरसे में दीनी तालीम ले रहे 24 बच्चों को रेस्क्यू करके उनके घर पहुंचवाया गया है। 21 बच्चे बिहार के दरभंगा जनपद के रहने वाले हैं। इन सभी को बाल कल्याण परिषद के समक्ष पेश किया गया। शेष तीन बच्चे मदरसा संचालक के घर के हैं। इन तीनों बच्चों को मदरसा संचालक के हवाले कर दिया गया है।
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शिकायत के आधार पर उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने लखनऊ के दुबग्गा इलाके में स्थित एक मदरसे में निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान वहां 24 बच्चे दीनी तालीम लेते हुए पाए गए। इन सभी बच्चों को आधुनिक शिक्षा देने के बजाय दीनी तालीम दी जा रही थी। यह मदरसा कासिम इल इस्लामिया के नाम से संचालित हो रहा था। इस मदरसे का कोई पंजीकरण नहीं कराया गया था।
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प्रदेश की राजधानी में अवैध रूप से संचालित इस मदरसे के खिलाफ स्थानीय लोगों ने आयोग में शिकायत की थी कि मदरसे में दीनी तालीम दी जा रही है और उन बच्चों को हाफिज बनाने की तैयारी है। मात्र दो कमरों में इस मदरसे को संचालित किया जा रहा था। मदरसे में मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराई गई थीं।
बच्चों ने बताया कि उन्हें हाफिज बनाकर जन्नत का रास्ता समझाया जा रहा था। बच्चों ने बताया कि मौलवी साहब बताते थे कि जब मृत्यु होगी तो हाफिज की शिक्षा लेने वाले को सीधे जन्नत मिलेगी। इसी प्रकार की पढ़ाई इन बच्चों को पढ़ाई जा रही थी।
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