उत्तर प्रदेश की राज्य कर आयुक्त मिनिस्ती एस. ने रामचरितमानस का अंग्रेजी में अनुवाद किया है। वर्ष 2016 में उन्होंने इसका लेखन शुरू किया था। पहले चरण में उन्होंने सुंदरकांड का अनुवाद किया। अब लंका कांड, अरण्य कांड और किष्किंधा कांड का भी अनुवाद हो चुका है। इस समय वह बालकांड का अनुवाद कर रही हैं। वर्तमान समय में जो अनुवाद प्रकाशित हुआ है। उसकी बाजार में काफी मांग है इसलिए अनुवादित पुस्तक को फिर से प्रकाशित किया जा रहा है।
मिनिस्ती एस मूल रूप से केरल की रहने वाली हैं और उनकी उनकी मातृभाषा मलयालम है। मिनिस्ती एस. ने बताया कि उत्तर प्रदेश में आने के बाद उन्होंने यह पाया कि किसी भी शुभ अवसर पर सुंदरकांड का पाठ किया जाता है और वह स्वयं भी हनुमान भक्त हैं इसलिए उन्होंने सबसे पहले सुंदरकांड का अनुवाद किया। उनका कहना है कि रामचरितमानस को गोस्वामी तुलसीदास जी ने अवधी भाषा में लिखी है इसलिए जो लोग अच्छी हिंदी जानते हैं वो लोग तो रामचरितमानस को भली- भांति समझ लेते हैं लेकिन जिन लोगों को अच्छी हिंदी नहीं आती है। उन्हें रामचरितमानस को समझने में काफी संघर्ष करना पड़ता है।
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लोगों की इसी समस्या को देखते हुए यह विषय मन में आया कि अगर इसका अंग्रेजी अनुवाद कर दिया जाए तो जिन लोगों को हिंदी कम आती है उनके लिए बहुत ही सरल हो जाएगा। उन्होंने बताया कि वह स्वयं हनुमान भक्त हैं इसलिए उन्होंने सबसे पहले सुंदरकांड का अंग्रेजी में अनुवाद किया। वर्ष 2016 में उन्होंने रामचरितमानस के सुंदर कांड का इंग्लिश में अनुवाद किया। वर्ष 2017 में यह अनुवाद प्रकाशित हुआ। सुंदरकांड के अनुवाद का कार्य 50 दिन में पूरा हो गया था।
उसके दो साल बाद उन्होंने किष्किंधा कांड का अनुवाद किया और फिर कोविड-19 के दौरान उन्होंने अरण्यकांड का अनुवाद पूरा किया। करीब 2 महीना पहले उन्होंने रामचरितमानस के लंका कांड का भी अंग्रेजी अनुवाद संपन्न कर लिया है। अब वह बालकांड का अनुवाद कर रही हैं। बालकांड के अनुवाद को को दो भागों में प्रस्तुत किया जाएगा। उनका कहना है कि यूं तो शुरुआत बालकांड से करनी चाहिए थी, लेकिन मैं हनुमान भक्त हूं और किसी भी शुभ अवसर पर सुंदरकांड का पाठ किया जाता है तो सबसे पहले मैंने सुंदरकांड का ही अनुवाद किया था। या फिर हनुमान जी ने मुझसे पहले सुंदरकांड का ही अनुवाद कराया।
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