पड़ोसी इस्लामी देश में भारत की तरक्की को देख लोग पसीने तर हैं, वे हैरान हैं, अपने यहां मोदी जैसा नेता चाहते हैं, अपने नेताओं को अपनी गिरेबांन में झांकने को कह रहे हैं! और ऐसा जिन्ना के देश की आम जनता नहीं कह रही है, बल्कि अब तो भारत विरोधी माने जाने वाले नेता तक यह कबूलने से नहीं हिचक रहे हैं कि भारत दुनिया में टॉप के देशों में जा पहुंचा है और पाकिस्तान भिखमंगों की कतार में सबसे आगे खड़ा है।
ऐसा ही कुछ कल जिन्ना के उस मजहबी इस्लामी देश की संसद में देखने में आया। वहां जिन शब्दों में भारत की प्रशंसा की गई, उससे हर सच्चे भारतीय का सीना चौड़ा हो गया। कट्टर मजहबी तंजीम जमीयत उलेमा इस्लाम पाकिस्तान के प्रमुख मौलाना फजलुर्रहमान सदन में पाकिस्तान की बदहाली का जिक्र करते हुए भारत की तारीफ करने लगे।
यह वही मौलाना है जिसे कट्टर भारत विरोधी माना जाता है। संसद में कल का फजलुर्रहमान का वह बयान काफी वायरल हो चुका है। सांसद मौलाना फजलुर्रहमान भारत की प्रगति से अभिभूत दिखे। इसे लेकर उनके मन में जो कसक है वह सबके सामने जाहिर हुई। मौलाना का कहना था कि भारत आज महाशक्ति बनने को तैयार हो रहा है, तो दूसरी तरफ पाकिस्तान विश्व के अनेक देशों के सामने भीख का कटोरा लिए खड़ा है।
मौलाना का यह भी कहना था कि वे अपनी इच्छा से अपने देश के कानून बनाने तक के लायक नहीं रहे। संसद पर हम सब नाज तो करते हैं लेकिन यह भी सच है कि भारत और पाकिस्तान साथ साथ आजाद हुए थे। लेकिन आज भारत विश्वशक्ति बनने के सपने देख रहा है, तो हमारा देश इस चिंता में भीख मांगता फिर रहा है कि हम दिवालिया न हो जाएं। मौलाना ने सवाल किया कि आज इन हालात का जिम्मेदार कौन है?
उस कंगाल देश की कंगाली को सबके सामने उजागर करते हुए फजलुर्रहमान भारत के बढ़ते कदमों का उल्लेख करते हुए बाग बाग हो रहे थे और बाकी सांसद उनका मुंह तक रहे थे। मौलाना का यह भी कहना था कि वे अपनी इच्छा से अपने देश के कानून बनाने तक के लायक नहीं रहे। संसद पर हम सब नाज तो करते हैं लेकिन यह भी सच है कि भारत और पाकिस्तान साथ साथ आजाद हुए थे। लेकिन आज भारत विश्वशक्ति बनने के सपने देख रहा है, तो हमारा देश इस चिंता में भीख मांगता फिर रहा है कि हम दिवालिया न हो जाएं। मौलाना ने सवाल किया कि आज इन हालात का जिम्मेदार कौन है? उनका इशारा नेताओं की तरफ था जो इन हालात के लिए मौलाना के हिसाब से जिम्मेदार हैं।
इतना ही नहीं, कट्टर मजहबी मौलाना फजलुर्रहमान ने फौज पर भी उंगली उठाई। उनके हिसाब से देश को बर्बाद करने में उसका सबसे बड़ा हाथ रहा है। मौलना कहते हैं कि जो ताकतें पर्दे के पीछे से हमारी लगाम संभाले हैं वही सब फैसले लेती हैं, ऐसे फैसले जिनकी वजह से हम कहीं मंह दिखाने लायक नहीं रहते। जनता गालियां तो हमें देती है। यह कैसी राजनीति है। अफसोस कि यह देश कहां से कहां आ गया है।
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