गत अप्रैल को लखनऊ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भगवान महावीर स्वामी जन्मकल्याणक महामहोत्सव पर एक संगोष्ठी आयोजित की। मुख्य अतिथि और सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेंद्र कुमार अरोड़ा ने कहा कि जैन मत सनातन धर्म की ही एक शाखा है।
आज के समय में भी भगवान् महावीर का संदेश प्रासंगिक है। संविधान के भाग छह में भी महावीर स्वामी के चित्रों को प्रकाशित कर उनके दिए गए संदेशों को आदर्श समाज के लिए उपयोगी बताया गया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख अरुण जैन ने कहा कि जैन मत में जीवनशैली को शुद्ध और पवित्र बनाने का संदेश मिलता है।
अहिंसा का जो संदेश जैन तीर्थंकरों ने दिया, वह सबके लिए अनुकरणीय है। अवध प्रांत के प्रांत प्रचारक कौशल जी ने कहा कि किसी भी पंथ या धर्म के महापुरुष किसी समाज विशेष के नहीं होते, बल्कि वे सबके लिए कल्याणकारी होते हैं। समाज के हर सदस्य को महापुरुषों के विचारों का अनुसरण करना चाहिए।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. राजशरण शाही ने कहा कि भगवान महावीर के दर्शन में भी पर्यावरण पर चिंतन किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ओएसडी सरवन सिंह बघेल ने कहा कि अहिंसा परमो धर्म: ने संपूर्ण संसार को एक दृष्टि दी है। वे आध्यात्मिक प्रेरणा के केंद्र हैं। संगोष्ठी की अध्यक्षता पवन कुमार जैन ने की। -वि.सं कें. लखनऊ
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