नई दिल्ली : नेपाल के एनर्जी सेक्टर में निवेश को लेकर अडानी ग्रुप सहित कई बड़ी कंपनियां तैयारी कर रही हैं। भारत-नेपाल एनर्जी सहयोग को लेकर एक कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्रालय के अतिरक्त सचिव श्रीकांत नागुलापल्ली ने कहा कि नेपाल के एनर्जी सेक्टर में भारतीय कंपनियों के निवेश की संभावनाएं तलाशने के लिए इंडो-नेपाल ज्वाइंट हाइड्रो कमिटी काम कर रही हैं।
इंडियन फेडरेशन ऑफ ग्रीन एनर्जी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में नेपाल के भारत में अंबेसडर शंकर प्रसाद शर्मा ने कहा कि नेपाल में हाइड्रो पावर की असीम संभावनाओं को देखते हुए दोनों देशों की कंपनियों के लिए भी यह निवेश का बेहतर विकल्प है।
दोनों देशों की हाइड्रो पावर जनरेशन, हाइड्रो मैकेनिकल और ट्रांसमिशन कंपनियां नेपाल के हाइड्रो सेक्टर में निवेश कर सकती हैं। इस कार्यक्रम में अडानी समूह के अधिकारी भी शामिल थे। इससे पहले भी अडानी समूह ने नेपाल के हाइड्रो सेक्टर में निवेश के लिए वहां के अधिकारियों के साथ बैठकें भी की थी।
कार्यक्रम में आईएफजीई के सेक्रेटरी जनरल संजय गंजू ने कहा कि नेपाल के हाइड्रो क्षेत्र में निवेश के लिए भारतीय कंपनियां उत्साहित हैं। इस कार्यक्रम में 150 से ज्य़ादा कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
इससे पहले जनवरी में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नेपाल के दौरे के दौरान हाइड्रो क्षेत्र को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। उस समय नेपाल के राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल ने कहा कि नेपाल सरकार ने हाइड्रो क्षेत्र के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और अगले दशक में भारत को 10,000 मेगावाट जलविद्युत निर्यात करने का लक्ष्य रखा है। नेपाल में 42 हजार मेगावाट से ज्यादा की हाइड्रो पावर जेनरेशन की संभावना है, नेपाल में फिलहाल सिर्फ 1476 मेगावाट हाइड्रो पावर का ही जेनरेशन हो रहा है।
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