लखनऊ । एसटीएफ उत्तर प्रदेश को विगत काफी समय से गेमिंग एप के माध्यम से टेलीग्राम व व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस, हॉर्स राइडिंग, इलेक्शन आदि पर अवैध तरीके से आनलाइन बेटिंग कसीनो, तीन पत्ती, कैरम, लूडो आदि गेम खिलाकर ठगी करने वाले संगठित गिरोहों के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों सक्रिय थीं। एसटीएफ टीम ने इस प्रकरण पर तकनीकी विषेषज्ञता एवं मुखबिर के माध्यम से संगठित गिरोह के 2 अभियुक्तों – अभय सिंह और संजीव सिंह -को थाना क्षेत्र विभूतिखंड लखनऊ से गिरफ्तार किया।
पूछताछ मे अभय सिंह ने बताया कि उसने वर्ष 2021 में इंटरमीडिएट पास किया है। उसकी बुआ का लड़का अभिषेक सिंह दुबई में रहता है। वर्ष 2021 में अभिषेक ने फोन कर के बताया कि अपने क्षेत्र से गरीब अनपढ़ लोगों के नाम से सिम खरीदना है। महीने में 25 हजकर रूपये वेतन और 500 रूपये प्रति सिम मिलेगा। बाद में सिम एक कंपनी से दूसरी कंपनी में पोर्ट करना होगा। इसके बाद अभय सिंह ने अपने गांव के आसपास के लोगों के नाम सिम पोर्ट कराने का काम शुरू किया, जिसका यूपीसी कोड वह चेतन जोशी को भेजता था। चेतन जोशी , भिलाई छत्तीसगढ का रहने वाला है और वर्तमान समय मे दुबई में अभिषेक के साथ काम करता है। अभय सिंह एक महीने में लगभग 30 से 35 सिम एक्टीवेट कराकर पिंटू उर्फ शुभम सोनी को भेजबे लगा। शुभम सोनी भी भिलाई दुर्ग छत्तीसगढ का रहने वाला है और अभिषेक के ही साथ दुबई में काम करता है। जनवरी 2023 में अभय सिंह का वेतन बढ़ा दिया गया अब उसे 75 हजार रुपये प्रतिमाह मिलने लगा। अब अभय सिंह को कॉर्पोरेट सिम को पोर्ट करने का काम दिया गया। यह पोस्टपेड सिम होती थी इन सिम की केवाईसी के लिए उसने कूटरचित दस्तावेज बनाकर फर्जी कम्पनी रजिस्टर्ड कराना शुरू कर दिया व चेतन भी कुछ कंपनी के दस्तावेज व फर्जी आधार कार्ड भेजता था।
इन सिम के एक्टीवेशन पर 2 हजार प्रति सिम मिलने लगा। एक महीने में 150-200 सिम ऐक्टिवेट कराकर दुबई भेजने लगा। फरवरी 2024 से कार्पोरेट सिम लेने पर कंपनी के साथ-साथ एम्पलाई के नाम का भी वेरिफिकेशन केवाईसी होने लगी जो लिंक के माध्यम से होती है। एक व्यक्ति के नाम 5 से 6 सिम एक बार में एक्टिव करा लेता था। अभय ने वर्ष 2021 से अब तक 32 से अधिक फर्जी कंपनियों के नाम से लगभग 4000 कॉर्पोरेट सिम खरीद कर दुबई भिजवाया है, जिनका प्रयोग व्हाट्सएप/टेलीग्राम एकाउंट बनाने के लिए किया गया है। उसने अब तक गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, जयपुर, पुणे, मुंबई, उड़ीसा आदि जगहों से फर्जी तरीके से सिम पोर्ट/एक्टिवेट कराकर खरीदा है। इन मोबाइल नंबरों से जो लोग व्हाट्सएप या टेलीग्राम एक्टिवेट करते हैं उनका ग्रुप बनाकर ठगी का काम करते हैं। ईडी द्वारा महादेव बुक पर कार्रवाई करने के बाद इस समय रेड्डी अन्ना बुक, फेयर प्ले, लोटस365, मैजिकविन, गोल्डन444, दमन बुक, विनबज्ज व आईपीएलविन365, आदि नाम से हम लोगों द्वारा कई Gaming/ Betting App चलाये जा रहे हैं।
इन एप की अभियुक्तों द्वारा फ्रेंचाइजी पूरे देश में दी जाती है जो भी इनकी ब्रांच चलाते है। ठगी से आये रूपये में से 80 प्रतिषत सौरभ चंद्राकर व पिंटू जो महादेव बुक एप के प्रमोटर है, के द्वारा संचालित भारतीय खातों में ट्रांसफर करते है। महादेव बुक एप के माध्यम से किये गये घोटाले की जांच विभिन्न एजेंसियों द्वारा की जा रही है। इसलिए अभियुक्तों की कम्पनियों में काम करने के लिए लगभग 12 हजार कर्मचारी भारत से दुबई गए हुए हैं जो गेमिंग एप के बैंक एकाउंट, व्हाट्सएप/टेलीग्राम एकाउंट व अन्य सर्विस देखते हैं। इस समय आईपीएल चल रहा है जिसमें प्रतिदिन भारत से लाखों लोग, हम लोगों द्वारा बनाये गये टेलीग्राम व व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से हजारों करोड रुपए का अवैध सट्टा लगाते हैं।
कम्पनियों का सोशल मीडिया पर प्रमोशन विभिन्न मार्केटिंग कम्पनियों के द्वारा किया जाता है। कम्पनी में ठगी के लिए सैकडों की संख्या में बैंक खाते किराये पर लिए जाते हैं व कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से खोले जाते है जिनमे ठगी का रूपया आता है।
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