“अर्बन नसल” : पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर के लोगों ने लिए चटखारे

अर्बन नक्सल वाले बयान पर पीएम मोदी को घेरने की थी तैयारी, लेकिन खुद ही बने मजाक का पात्र

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सोनाली मिश्रा

भारत मे इन दिनों चुनाव के माहौल मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक भाषण वायरल है। उसकी व्याख्या कॉंग्रेस और उसके सहयोगी दल तो भारत मे कर ही रहे हैं, मगर सबसे मजेदार वाकया सामने आया है पाकिस्तान से। जी हाँ, पाकिस्तान मे भी भारत के चुनावों और नरेंद्र मोदी के भाषणों पर लगातार बहसें होती रहती हैं और वे लोग भी एक-एक लाइन भाषण की सुनते हैं और फिर उसका विश्लेषण करते हैं।

परंतु इस बार उनका विश्लेषण मजेदार हो गया है क्योंकि पाकिस्तान के सेलेब्रिटी और बड़े पत्रकार माने जाने वाले हामिद मीर ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण मे से एक शब्द सुना, और चूंकि उनका एक्सपोज़र उतना नहीं है या फिर कहा जाए कि उनकी सोचने की क्षमता वहाँ तक नहीं है, तो उन्होनें उस शब्द को अपने हिसाब से अपनी कुंठा के चलते नए ही अर्थ मे ढाल लिया।

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कॉंग्रेस के घोषणापत्र पर बात करते हुए वेल्थ रीडिस्ट्रीब्यूशन की योजना के विषय मे लोगों को बता रहे थे। उन्होनें एक शब्द प्रयोग किया और वह था “अर्बन नक्सल!” उन्होनें कहा कि यह “अर्बन नक्सल की सोच है, माताओं और बहनों जो आपका मंगलसूत्र भी रहने नहीं देंगे!” राहुल गांधी और प्रियंका गांधी इन दिनों जातिगत जनगणना और धर्म के आधार पर गरीबी की बात कर रहे हैं और घूम-घूम कर रैलियों मे कह रहे हैं, कि वे जब सत्ता मे आएंगे तो वे आम लोगों की आय, संपत्ति आदि का सर्वे कराएंगे और फिर उसे लोगों मे बांटेंगे। यह अर्बन नक्सल की सोच है अर्थात यह शहर मे बैठे हुए नक्सलियों की सोच है।

अब पाकिस्तान के पत्रकारों को भी न ही नक्सल का पता है और न ही अर्बन सोच का, और चूंकि पाकिस्तान अरब देशों मे भारत के बढ़ते प्रभाव से जला हुआ भी है, इसलिए हामिद मीर जैसे पत्रकारों को एक अवसर चाहिए होता है, कि अपनी भड़ास को वे लोग निकाल सकें, फिर चाहे उन्हें तथ्यों को झूठ ही क्यों न ठहराना पड़े। जैसे ही हामिद मीर का यह वीडियो वायरल हुआ, वैसे ही भारत मे लोग चटकारे लेने लगे:

हामिद मीर भी अरब देशों द्वारा भारत के प्रधानमंत्री मोदी को सम्मान दिए जाने को लेकर कुंठा से भरे हैं। हामिद मीर ने अपनी उस क्लिप मे कहा कि “अर्बन नसल की सोच, अरब के नसल की सोच, और फिर घुसपैथियाँ कहा है तमाम मुसलमानों को। — तो एक तरफ तो मोदी साहब को अरब देशों द्वारा बुलाकर रिवार्ड दिया जाता है, और दूसरी तरफ मोदी साहब अरबों को भला बुरा भी कहते हैं!”

हालांकि हामिद मीर ने हार नहीं मानी और वे यह कह रहे हैं कि प्लीज नरेंद्र मोदी के भाषण को दोबारा सुनें, वे अर्बन नसल बोल रहे हैं

इसे लेकर भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों के सोशल मीडिया यूजर हामिद मीर का मजाक उड़ा रहे हैं। यह भी बात पूरी तरह से सच है कि हामिद मीर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से घृणा करने वाला पत्रकार है। यदि यह कहा जाए कि नरेंद्र मोदी एवं हिन्दू विरोध के कारण ही हामिद मीर की पत्रकारिता चलती है, तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी।

पाकिस्तान के भी यूजर हामिद मीर से कह रहे हैं कि हामिद जी, वह शब्द अर्बन नसल नहीं अर्बन नक्सल है, मगर हामिद मीर अभी भी सुनने के लिए तैयार नहीं है। लोग कह रहे हैं कि हामिद भाई, अपनी और मुल्क की बेइज्जती न कराएं।

नईला इनायत ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि

अरब नसल नया अर्बन नक्सल हैं। हामिद मीर इस बात से परेशान हैं कि भारत के प्रधानमंत्री को अरबों से उच्चतम नागरिक अवॉर्ड मिलते हैं, मगर पाकिस्तानी नेताओं को केवल बेल आउट लोन्स। ऐसा व्यवहार क्यों अरब देशों?

जो भी बातें निकलकर पाकिस्तान के कथित सेलेब्रिटी पत्रकारों की ऐसी पोस्ट्स से सामने आ रही हैं, वह उस जलन को दिखाती हैं, जो पाकिस्तान के कथित एलीट या कहें सेलेब्रिटी वर्ग मे भारत की अरब देशों मे बढ़ती धाक को लेकर है। पाकिस्तान का कथित एलीट वर्ग उस सम्मान को पचा नहीं पा रहा है, जो भारत के उस प्रधानमंत्री को अरब देशों मे प्राप्त हो रहा है, जिस प्रधानमंत्री का उपहास भारत का अर्बन नक्सल वर्ग एवं पाकिस्तान का नस्लीय श्रेष्ठता का दंभ भरने वाला वर्ग उड़ाता है।

अरबों से नस्लीय श्रेष्ठता का प्रमाणपत्र मांगने वाला और स्वयं को एशिया मे अरबी सम्मान का एकमात्र हकदार मानने वाला एक बड़ा वर्ग अपनी घृणा मे इस सीमा तक डूबा हुआ है कि वह शब्दों को गलत समझ रहा है, उन्हें अपने हिसाब से कह रहा है, देश और विदेश मे हर जगर उपहास का पात्र बन रहा है, मगर यह नहीं समझ रहा है कि अंतत: गलती उनसे कहाँ पर हो रही है।

हामिद मीर पर भारत के सोशल मीडिया यूजर मजे ले रहे हैं, मीम्स बना रहे है और चुटकुले बना रहे हैं। हामिद मीर की आलोचना करते हुए पाकिस्तान की एक पत्रकार ने उर्दू मे एक्स पर पोस्ट किया है, जिसका सार यह है कि यदि हामिद मीर की आदत झूठ बोलने के स्थान पर रिपोर्टिंग की होती, तो वह प्रोग्राम करने से पहले गूगल कर लेते, जिससे भारतीय उन्हें बेवकूफ न समझते!

 

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