परमाणु हथियार बनाने के आरोपों के बीच ईरान के परमाण ऊर्जा संगठन के चीफ मोहम्मद एस्लामी ने कहा है कि जल्द ही ईरान नए परमाणु संयंत्रों को स्थापित करेगा। ईरान का कहना है कि वह परमाणु के जरिए 20000 मेगावाट बिजली उत्पादन करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है।
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ईरान के पास पहले से ही रूस द्वारा निर्मित एक रिएक्टर मौजूद है। हालांकि, अब ईरान, यूरेनियम को 60 फीसदी शुद्धता तक समृद्ध करके अपनी परमाणु एक्टिविटी के लिए दूसरा ट्रैक इस्तेमाल कर रहा है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) लगातार चेतावनी दे रहा है कि ईरान परमाणु संवर्धन की सीमा को पार कर गया है।
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IAEA के प्रमुख राफेल ग्रासी ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि ईरान का परमाणु संवर्धन परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त यूरेनियम जमा करने के लिए अब महीनों के बजाय केवल हफ्तों का समय है। हालांकि, ग्रॉसी ये भी कहते हैं कि इसका अर्थ ये कतई नहीं है कि उसके पास तत्काल परमाणु बम बनाने की क्षमता है।
ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिक रिएक्टर बनाने की परियोजना के लिए ईरान को विदेशी तकनीक की आवश्यकता होगी। जिसे प्रदान करने में रूस भी अनिच्छुक हो सकता है। इसके अलावा ईरान की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। वह मुश्किल से इन परियोजनाओं पर खर्च कर सकता है।
गौरतलब है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर इसी साल फरवरी में IAEA ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें ये दावा किया गया था कि ईरान 87.8 फीसदी तक परमाणु संवर्धन की क्षमता को हासिल कर चुका है। उल्लेखनीय है कि परमाणु बम बनाने के लिए 90 फीसदी संवर्धित यूरेनियम की आवश्यकता होती है।
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