अयोध्या में भगवान राघव के मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा होने के बाद यह पहला अवसर है जब चौरासी चौरासी कोसी परिक्रमा होने जा रही है। हनुमान मंडल की अवध धाम चौरासी कोसी परिक्रमा बुधवार चौबीस अप्रैल से प्रारंभ होगी। इसमें शामिल होने के लिए परिक्रमार्थियों का दल कल मंगलवार को कारसेवकपुरम से मख भूमि (मखौड़ा) के लिए प्रस्थान करेगा।
यही वह स्थान है जहां राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ कराया था। हनुमान मंडल परिक्रमा के प्रभारी सुरेन्द्र सिंह के अनुसार, अनंत काल से चली आ रही चौरासी कोसी परिक्रमा 84 लाख योनियों के भव बंधन से मुक्त कराने वाली है। वैशाख कृष्ण प्रतिपदा 24 अप्रैल को प्रातः छह बजे मख भूमि से प्रारंभ होकर परिक्रमा वैशाख शुक्ल सप्तमी – 14 मई को संपन्न होगी। इस प्रकार परिक्रमा का यह धार्मिक अनुष्ठान 21 दिवसीय होगा। इस बीच परिक्रमा रामायणकालीन कई महत्वपूर्ण ऋषियों की तपस्थली से होकर निकलेगी। मान्यता है कि तमाम सिद्ध ऋषियों ने त्रेता युग में अवध क्षेत्र में तपस्या करके इस क्षेत्र को सकारात्मक ऊर्जा का केन्द्र बनाकर इसे प्रभु के अवतरण योग्य बनाया था।
इसे भी पढ़ें: कांग्रेस हमेशा से राम विरोधी और सनातन धर्म विरोधी रही है, इसी ने भगवान राम को काल्पनिक बताया था: जेपी नड्डा
उल्लेखनीय है कि पंचकोसी परिक्रमा मार्ग के अन्दर पुरानी अयोध्या है। चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग में अयोध्या का विस्तृत भाग है जिसे अयोध्या नगर कहा जा सकता है। चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग में बस्ती जनपद में स्थित मखोड़ा धाम से शुरू होती है। वहां से प्रारंभ होकर अम्बेडकर नगर, सुल्तानपुर, बाराबंकी, गोंडा होते हुए बस्ती जनपद को स्पर्श करती है। पंच कोसी परिक्रमा मार्ग के अन्दर श्रद्धालुओं के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। पब्लिक एड्रेस सिस्टम पर बजती हुई राम धुन के साथ लोग अपने आप को जोड़ सकेंगे। वहां पर सड़क चौड़ीकरण का कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार से चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग में पैदल चलने वाले लोगों को कोई परेशानी न हो। उनको बुनियादी सुविधाएं मिल सकें। इसका इंतजाम किया जा रहा है। इसी तरह की सुविधा चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग में भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
रामलला के दर्शन को पहुंचे 30 देशों के 90 भारतीय
हनुमान चालीसा पाठ व श्री रामलला के जयकारों के साथ आज 30 देशों के 90 प्रवासी भारतीयों संग 400 श्रद्धालुओं की टोली ने अयोध्या में रामलला के दर्शन किये। इनका नेतृत्व डॉ. विजय जौली, पूर्व भाजपा विधायक दिल्ली ने किया। सभी श्रद्धालुओं को राम नामी दुपट्टा ओढ़ाकर माथे पर चंदन का तिलक लगााया गया। इस अवसर पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख राम लाल जी,विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक दिनेश जी,उज्बेकिस्तान के व्यवसायी अशोक के. तिवारी, भूपेंद्र कंसल (महामंत्री हिमालय परिवार) आदि लोग विशेष रूप से शामिल रहे।
रविवार की शाम को सभी श्रद्धालु सरयू घाट पर आरती में शामिल हुए। इस टोली ने हनुमान गढ़ी मंदिर पहुंचकर राम भक्त बजरंगबली का आशीर्वाद भी लिया। इसमें प्रमुख रूप से भूटान राजदूत मेजर जनरल वेत्सोप नामग्याल, काउंसलर दोरजिक किंजांग, चीन गणराज्य (ताइवान) प्रतिनिधि कुमारी त्साई जेन चुन, भारत में रोमानिया महावाणिज्य दूत विजय मेहता व टुवालू महावाणिज्य दूत डॉ. दीपक जैन और निर्वासित तिब्बत संसद स्पीकर खेंपो सोनम तेनफेल उपस्थित रहे।
दर्शन करने वाले प्रवासी भारतीयों में ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, भूटान, कनाडा, कोलंबिया, कंबोडिया, जॉर्जिया, गुयाना, केन्या, कजाकिस्तान, मलेशिया, मोजाम्बिक, मकाऊ, नाइजीरिया, नेपाल, नॉर्वे, रोमानिया, रवांडा, स्पेन, सिंगापुर, सिंट मार्टेन, चीन गणराज्य (ताइवान), ताजिकिस्तान, त्रिनिदाद एण्ड टोबैगो, तुवालु, तिब्बत, युगांडा, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त अरब अमीरात, उज्बेकिस्तान, संयुक्त राज्य अमेरिका इत्यादि देशों के प्रतिनिधि शामिल रहे। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष 23 अप्रैल 2023 को डॉ. जौली की पहल पर 156 देशों व 7 महाद्वीपों की नदियों व समुद्रों के जल से राम मंदिर में अभिषेक किया गया था।
टिप्पणियाँ