उत्तराखंड ब्यूरो / देहरादून । विवाह सीजन पर अब कुछ माहों के लिए विराम लग गया है, मई जून में शादियां नही होंगी आगे 10 जुलाई से पुनः कुछ दिन के लिए विवाह मुहूर्त खुलेगा यानि अगले 81 दिन विवाह का कोई शुभ मुहूर्त नहीं है।
24 अप्रैल को शुक्र मेष राशि में प्रवेश करेंगे, यहां पहले से ही सूर्य का गोचर हो रहा है और मेष राशि में प्रवेश करते ही शुक्र अस्त हो जाएंगे लेकिन शुक्र के अस्त होने से 3 दिन पहले 21 अप्रैल से ही शुक्र-बाल्यत्व दोष से घिर जाएंगे शुक्र ग्रह 7 जुलाई तक अस्त रहेंगे और 7 जुलाई को उदय होने के बाद भी 10 जुलाई तक बाल्यत्व दोष के दायरे में रहेंगे लिहाजा देश में 11 जुलाई से विवाह का मुहूर्त पुनः कुछ समय के लिए होगा। इस बीच 6 मई को गुरु भी वृषभ राशि में अस्त होंगे और 4 जून को उदय होंगे।
ये दोनों ही ग्रह मांगलिक कार्यों के लिए शुभ होते हैं और यदि ये दोनों ग्रह अस्त हों तो मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। शुक्र के अस्त होने का विचार खास तौर पर शादी के लिए किया जाता है क्योंकि शुक्र को ही ज्योतिष में विवाह का कारक ग्रह माना जाता है। यदि शुक्र के अस्त होने पर शादी कर ली जाए तो वैवाहिक जीवन में परेशानी पेश आती है, लिहाजा शुक्र के अस्त होने के समय देश भर में सनातन समाज में शादियां वर्जित होती हैं। शादियों का सीजन ठप्प होने के कारण अब अगले ढाई माह तक कपड़े और ज्वैलरी के कारोबार का बाजार खूब पनपता रहेगा, क्योंकि लोग आगे की तैयारियां करते है।
जुलाई माह से विवाह के शुभ मुहूर्त की तिथियां
जुलाई -11, 12, 14, 19, 20, 21, 22, 23, 27, 31
अगस्त- 5, 6, 7, 8, 11, 13, 19, 23, 24, 26, 27, 28
सितम्बर- 4, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14
अक्तूबर- 3, 6, 7, 11, 12, 20, 21, 26, 27, 28
नवम्बर – 3, 4, 6, 8, 9, 10, 14, 17, 18, 22, 23, 24, 25, 26, 27
दिसम्बर – 5, 6, 7, 11
विद्वान पंडितो के अनुसार नवम्बर महीने में होंगी सबसे ज्यादा शादियां
शुक्र के उदय होने के बाद इस साल अगला पहला विवाह मुहूर्त 11 जुलाई को होगा, जबकि साल का आखिरी शुभ मुहूर्त 11 दिसम्बर को होगा। इस बीच महीने में नवम्बर महीने में विवाह के सबसे ज्यादा मुहुर्त निकल रहे हैं और नवम्बर में 15 दिन शादी के शुभ मुहूर्त हैं, जबकि अगस्त में 12, जुलाई और अक्टूबर माह में 10-10 और सितम्बर में विवाह के 9 मुहूर्त हैं। इस बीच 18 सितम्बर से श्राद्ध शुरू होने के कारण मांगलिक कार्य नहीं हो पाएंगे, 2 अक्तूबर को पितृ पक्ष खत्म होने के बाद ही विवाह तिथियां पुनः शुरू होंगी।
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