लोकसभा चुनाव-2024 को लेकर प्रचार जोरों-शोरों से चल रहा है। हर पार्टी अपने-अपने तरीके से वोटर्स को लुभाने की कोशिश कर रही है। इसी क्रम में चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (UBT) ने अपने कैंपेन वीडियो में ‘जय भवानी’ शब्द का इस्तेमाल किया है। इस पर चुनाव आयोग उद्धव ठाकरे को नोटिस भेजकर इस शब्द को हटाने को कहा। हालांकि, उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहा, ‘नहीं हटाऊंगा, जो करना है कर लो’।
क्या है विवाद
मामला कुछ यूं है कि लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना ने अपना कैंपेन सॉन्ग लॉन्च किया। इसमें शिवसेना कार्यकर्ताओं को भगवा झंडा और मशाल लेकर चलते दिखाया गया। इसके बैक ग्राउंड में ‘जय भवानी-जय शिवाजी’ का म्यजिक चल रहा था। इसी पर चुनाव आयोग ने आपत्ति जताते हुए ठाकरे को एक नोटिस भेजकर यह शब्द हिंदू देवी से जुड़ा हुआ शब्द है। इलेक्शन में इस तरह के धार्मिक नारे का इस्तेमाल नहीं कर सकते। लेकिन, आयोग के नोटिस पर उद्धव ठाकरे चुनाव आयोग को ही आंख दिखा रहे हैं।
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उनका कहना है कि भाजपा के नेता भी तो धर्म के नाम पर कई बार वोट मांग चुके हैं, उन पर तो कोई कार्रवाई नहीं की। उद्धव ठाकरे का कहना है कि पहले आयोग पीएम मोदी और अमित शाह के खिलाफ कार्रवाई करे।
आयोग पर महाराष्ट्र के अपमान का आरोप
यहीं नहीं उद्धव ठाकरे का कहना है कि देवी तुलजा भवानी महाराष्ट्र की कुल देवी हैं। उन्हें हटाने की बात कर चुनाव आयोग महाराष्ट्र और मराठियों का अपमान कर रहा है। हम अपने कैंपेन से भवानी और हिन्दू धर्म को नहीं हटाएंगे।
उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना ने चुनाव आयोग को चेताया है कि इस तरह के अपमान हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। आज ये जय भवानी हटाने को कह रहे हैं और कल जय शिवाजी हटाने को कहेंगे।
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