कांग्रेस ने शायद कभी ऐसा नहीं सोचा होगा कि उसे ऐसे दिन भी देखने पड़ेंगे। दरअसल, लोकसभा चुनाव-2024 के मद्देनजर गुजरात के सूरत से कांग्रेस ने निलेश कुम्भानी को अपना कैंडिडेट घोषित किया था। लेकिन, जब वो नामांकन करने पहुंचे तो उन्हें एक भी प्रस्तावक नहीं मिला, जिसके बाद उनके नामांकन को चुनाव अधिकारी ने रद्द कर दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, निलेश कुम्भानी ने अपने नामांकन फॉर्म में तीन प्रस्तावकों के होने का दावा किया था। लेकिन, जब वो अपना नामांकन फाइल करने गए तो उनके प्रस्तावक उनके साथ थे ही नहीं। इसको लेकर खुद निलेश कुम्भानी बताते हैं कि उनकी इन प्रस्तावकों के साथ सुबह में बात हुई थी। इन सभी ने कहा था कि तीनों सुबह 9 बजे तक कलेक्टर ऑफिस आ जाएंगे, लेकिन सभी ने अपना फोन बंद कर लिया है।
इसी बात को चुनाव अधिकारी के समक्ष सूरत से भाजपा के उम्मीदवार दिनेश जोधानी ने उठाया था। इसी के बाद उनके नामांकन को कैंसिल कर दिया गया है। इस बीच कांग्रेस ने सरकार पर ही लोगों को डराने धमकाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि उसके प्रस्तावकों का अपहरण किया गया है। कांग्रेस नेता और वकील बाबू मांगुकिया का कहना है कि चुनाव अधिकारी पर फॉर्म में प्रस्तावकों के सिग्नेचर की जगह प्रस्तावकों के अपहरण की जांच करनी चाहिए।
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कांग्रेस ने कहा है कि वो इस मामले में कोर्ट जाएगी। फॉर्म कैंसिलेशन को कांग्रेस गलत ठहरा रही है। जबकि, दूसरी ओर कांग्रेस नेता असलम सायकिलवाला ने कांग्रेस आलाकमान को ही दोषी ठहराया है। यहीं नहीं असलम ने निलेश कुम्भानी को ही बिका हुआ करार दिया है।
भाजपा बोली-कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद
इस बीच भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि वह अपनी गलती को छिपाने के लिए इस तरह की हरकतें कर रही है। भाजपा ने दावा किया है कि पार्टी प्रदेश की 26 लोकसभा सीटों पर 5 लाख से अधिक की मार्जिन से जीत हासिल करेगी।
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