‘जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पाउडर’ ये वो नाम है, जिसे दुनियाभर में बहुत पसंद किया जाता है। मुख्यतया नवजात बच्चों के लिए सबसे अधिक इसी का इस्तेमाल होता है। लेकिन फिर एक दिन एक महिला ने कंपनी के पाउडर से कैंसर होने के खतरे का आरोप लगाते हुए इस पर केस दर्ज करा दिया। करीब एक दशक तक चली इस कानूनी लड़ाई के बाद अब अमेरिकी अदालत ने महिला के पक्ष में फैसला सुनाया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कंपनी को महिला को 45 मिलियन डॉलर का जुर्माना देने का आदेश दिया है।
क्या है पूरा मामला
अमेरिका के इलिनोइस की रहने वाली 6 बच्चों की मां और दादी गार्सिया ने करीब एक दशक पहले जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के टालकम पाउडर पर केस किया था कि इसके इस्तेमाल से कैंसर होता है। मामला कोर्ट में पहुंचता है। करीब एक दशक तक ये कानूनी लड़ाई चलती है। मामला कोर्ट में था, तभी वर्ष 2020 में गार्सिया की मौत हो जाती है। गार्सिया का आरोप था कि जॉनसन एंड जॉनसन को ये अच्छे से पता था कि उसके पाउडर में एसबेस्टस है, जो कि कैंसर का कारक है। बावजूद इसके कंपनी ने इसे बेचा।
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सालों साल केस चलता रहता है और मामले की सुनवाई करने के बाद बीते शुक्रवार को शिकागो में जूरी के सदस्यों ने महिला के पक्ष में ये फैसला सुनाया। जूरी के सदस्यों का कहना था कि गार्सिया की मौत के लिए केनव्यू 70 फीसदी जिम्मेदार थी। इसके अलावा जॉनसन एंड जॉनसन इसके लिए 30 फीसदी जिम्मेदार थी। इसके बाद जूरी ने ये फैसला सुनाया।
जूरी के फैसले को करेंगे चैलेंज
इस बीच जूरी के फैसले पर कंपनी ने कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ उच्च अदालत में चैलेंज करेगी। इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान पहले तो कंपनी ने खुद के दिवालियेपन का हवाला देते हुए जूरी से राहत मांगी, लेकिन जब इस पर बात नहीं बनी तो उसने जूरी को बताया कि वह एक सदी से टालकम पाउडर बेच रही है, अभी तक कोई शिकायत नहीं आई। हालांकि, जूरी ने कंपनी की दलीलों को दरकिनार करते हुए महिला के पक्ष में फैसला सुनाया।
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