मालदीव । मालदीव में रविवार को संसदीय चुनाव के लिए मतदान होगा, जिसमें राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू की भारत विरोध की नीति की भी परीक्षा होगी। चुनाव के नतीजे पर देश के लोगों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय जगत की भी निगाह है। मालदीव चुनाव आयोग के मुताबिक देश के 93 निर्वाचन क्षेत्रों में आज मतदान होंगे। 2,84,663 से अधिक मतदाता 602 मतदान केंद्रों पर मतदान करेंगे। विधायिका की एक सीट के लिए कम से कम 368 उम्मीदवार मैदान में हैं।
पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव के बाद से मालदीव के राजनीतिक परिदृश्य में काफी बिखराव आया है। पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और उनके समर्थकों ने डेमोक्रेट बनाने के लिए तत्कालीन सत्तारूढ़ एमडीपी को छोड़ दिया। जबकि पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन और मोइज्जू के बीच मतभेद गहरे हो गए।
वहीं मुइज्जू के खिलाफ भ्रष्टाचार समेत भारत के खिलाफ अभियानों को लेकर देश में गुस्सा है। मोइज्जू की मालदीव से भारतीय सैन्य कर्मियों को बाहर निकालने के फैसले की देश के भीतर चौतरफा आलोचना हो रही है। इसलिए संसदीय चुनाव को लेकर यह उम्मीद कर रही है कि मुख्य विपक्षी और भारत समर्थक पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) बहुमत हासिल करेगी।
दरअसल संसदीय चुनाव से ठीक पहले, राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में ऐक्शन शुरू हो गया है। मालदीव रिपब्लिक नाम के एक समाचार पोर्टल के अनुसार 2018 के भ्रष्टाचार मामले में मुइज्जू के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। इन रिपोर्ट में राष्ट्रपति मुइज्जू के निजी बैंक खाते में धन अंतरण में अनियमितताओं का दावा किया गया है। रिपोर्ट में वित्तीय कदाचार के 10 महत्वपूर्ण संकेतकों को रेखांकित किया गया है।
समाचार पोर्टल ने कहा कि इन संकेतकों से राजनीति से जुड़े व्यक्तियों के साथ संलिप्तता, गबन, रकम के लेनदेन को छिपाने के लिए कॉर्पोरेट संस्थाओं के उपयोग आदि का पता लगता है। इन आरोपों से देश में राजनीतिक तूफान पैदा हो गया है और विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर रिए्क्शन आ रहे हैं। मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी और पीपुल्स नेशनल फ्रंट ने पूरे मामले की जांच की मांग की है। पूर्व उपराष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद जमील अहमद ने लीक हुई खुफिया रिपोर्ट के बाद मुइज्जू पर महाभियोग चलाने की मांग की।
एमडीपी नेता और पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद के मुताबिक उनकी पार्टी जीत को लेकर आशावादी है। उनका कहना है कि मोइज्जू प्रशासन पिछले पांच महीने में घरेलू और विदेशी दोनों नीतियों में विफल रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के पूर्व अध्यक्ष शाहिद ने कहा कि मोइज्जू झूठ और नफरत फैलाकर सत्ता में आए और सभी विकास परियोजनाएं रोक दी गईं।
भारत विरोध का नारा देने वाले चीन समर्थक मोइज्जू ने पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव में इब्राहिम सोलिह को हराया था। लेकिन अब चुनावी पंडित मुइज्जू की हार की भविष्यवाणी कर रहे हैं। उनके खिलाफ जनता में जबरदस्त आक्रोश है। राष्ट्पति बनने के बाद ही भारत को लेकर उनके रुख और भारतीय सेना की वापसी को लेकर वह पहले ही निशाने पर हैं। भारत विरोधी रुख के चलते मालदीव को पर्यटन में काफी नुकसान झेलना पड़ा है। मालदीव में आधे से अधिक पर्यटक भारतीय राज्यों से आते हैं लेकिन, पीएम मोदी को लेकर की गई बयानबाजी और फिर सेना की वापसी ने भारतीयों का मालदीव से मोहभंग कर दिया है। नतीजन मालदीव में पर्यटन स्थल सूने पड़े हैं। स्वरोजगार छिन जाने से मालदीव की जनता में राष्ट्रपति के प्रति आक्रोश है।
टिप्पणियाँ