कर्णावती: गुजरात कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले कांग्रेस को प्रत्याशी नहीं मिल रहे थे और अब जब प्रत्याशी मिल गये और नामांकन पत्र भी भर दिए गये तो इसमें हस्ताक्षर करनेवाले समर्थक खुद कह रहे हैं कि वह हस्ताक्षर उनके नहीं हैं। इस दावे से निलेश कुंभाणी का नामांकन पत्र रद्द हो सकता है। वहीं कांग्रेस ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस घटना से गुजरात कांग्रेस में भूचाल आ गया है।
लोकसभा चुनाव में मुश्किलें गुजरात कांग्रेस का पीछा नहीं छोड़ रहीं। शुक्रवार को नामांकन पत्र दाखिल करने के आखरी दिन सूरत कांग्रेस के प्रत्याशी निलेश कुंभाणी ने अपना नामांकन पत्र भरा था। हुआ कुछ यूं कि निलेश कुंभाणी के तीन समर्थक जगदीश सावलिया, ध्रुवीन धामेलिया और रमेश पालरा ने नामांकन पत्र के लिए समर्थक के तौर पर हस्ताक्षर किए थे। इस दौरान भाजपा के चुनाव एजेंट ने चुनाव अधिकारी के सामने हस्ताक्षर पर आपत्ति जताई। चुनाव अधिकारी ने कांग्रेस को मौखिक रूप से जानकारी देकर शाम चार बजे तक जवाब रखने की मोहलत दी। इसे अब बढ़ाकर रविवार सुबह 11 बजे तक कर दिया गया है। तीनों समर्थक कह रहे हैं कि वह हस्ताक्षर उनके नहीं हैं। कांग्रेस के लिए यह मामला और पेचीदा इसलिए भी हो गया है क्योंकि एक भी समर्थक से संपर्क नहीं हो पा रहा है। तीनों समर्थक कहां है, यह कांग्रेस अभी तक नहीं जान पाई है। कांग्रेस ने भाजपा पर तीनों समर्थकों को आगवा करने का आरोप लगा दिया। कांग्रेस नेता ओर एडवोकेट बाबु मांगुकीया ने हाईकोर्ट में हैबियर्स कॉर्पस दाखिल की है। कांग्रेस ने कलेक्टर को भरोसा दिया है कि रविवार सुबह 11 बजे तक तीनों समर्थकों को कलेक्टर के सामने पेश कर देंगे।
इस पूरे मामले पर भाजपा प्रत्याशी के चुनाव एजेंट और सूरत के पूर्व डेप्युटी मेयर दिनेश जोधाणी ने इलेक्शन कमिशन में फरियाद दाखिल की है। उनका कहना है कि अगर तीनों समर्थक कांग्रेस के ही हैं तो इस प्रकार की घटना क्यों हुई। बता दें कि हस्ताक्षर करने वाले तीन समर्थकों में से दो तो निलेश कुंभाणी के बहनोई हैं। अगर कुंभाणी का फॉर्म रद्द होता है तो डमी प्रत्याशी सुरेश पडसाळा सूरत से कांग्रेस के उम्मीदवार बनेंगे। सूरत लोकसभा सीट से 24 नामांकन पत्र भरे गए हैं, जिनमें भाजपा और कांग्रेस के साथ-साथ बहुजन समाज पार्टी, अखिल भारत हिन्दू महासभा एवं चार निर्दलीयों ने भी नामांकन पत्र भरा है।
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