कर्नाटक के हुबली जिले के विद्यानगर में कांग्रेस नेता की बेटी की चाकू से गोदकर हत्या करने के मामले लीपा पोती करने का सिलसिला शुरू हो गया है। आखिर ये कैसी मानसिकता है कि एक कट्टरपंथी को बचाने के लिए पूरा इको सिस्टम काम पर लग गया है। नेहा की मौत को नॉर्मलाइज करने की कोशिशें की जा रही हैं। पहले कर्नाटक के गृह मंत्री ने नेहा की मौत को लव जिहाद मानने से इनकार कर दिया। उसके बाद आरोपी फैयाज की मां मीडिया के सामने आकर ये कहती है कि दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे।
इसके साथ ही वह इसे लव जिहाद की घटना मानने से इनकार करती है। नेहा की मौत के दो दिन बाद अचानक से फैयाज की अम्मी को याद आता है कि उसके बेटे ने गलत काम कर दिया है और वह ये सोचती है कि उसे मीडिया के सामने आकर इन चीजों को अब नॉर्मलाइज करना चाहिए। इसके बाद वह मीडिया के सामने आकर अपने बेटे के किए के लिए माफी मांगते हुए कहती है, ‘वो मेरी बेटी की तरह थी। मैं उसके परिवार जितनी ही दुखी हूं। मेरे बेटे ने गलत किया, उसे इसका दंड मिलना चाहिए।’
लेकिन इसी के साथ ही आरोपी की अम्मी ये दावा करती है कि दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे। ये ऐसा दावा है, जिसका न कोई सिर है और न ही कोई पैर है। फैयाज की मां ये दावा करती है कि उसे नेहा और उसके बेटे के रिलेशन के बारे में एक साल से पता था। वो कहती है कि उसका बेटा बहुत होशियार है। नेहा भी समझदार थी। इसीलिए मैंने ही दोनों को आईएएस की तैयारी करने के लिए बोली थी। ये बेतुका दावा इसलिए साबित हो जाता है क्योंकि फैयाज नेहा के साथ बीसीए कर रहा था, जहां उसका पढ़ाई में मन नहीं लगा और उसने कॉलेज ही छोड़ दिया। अब उसकी अम्मी को ये कौन बताए कि सिविल सर्विस की परीक्षा में शामिल होने के लिए भी ग्रेजुएट होना जरूरी है।
यहीं कट्टरपंथी फैयाज की अम्मी का झूठ इसलिए भी खुलकर सामने आ गया, क्योंकि अगर नेहा और कट्टरपंथी फैयाज के बीच रिलेशनशिप होता तो वो उसकी हत्या क्यों करता? कट्टरपंथी फैयाज की अम्मी का ये दावा इसलिए भी खारिज हो जाता है क्योंकि सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट जाहिर होता है कि नेहा आरोपी को देखते ही पीछे हट रही थी, लेकिन उसने उसे जमीन में पटक दिया। कर्नाटक पुलिस के बयान से भी ये स्पष्ट हो जाता है कि नेहा और फैयाज के बीच कोई रिलेशनशिप नहीं थी,जिसमें फैयाज ने अपने दोस्तों से ये कहा था कि वो उसकी (नेहा की) हत्या कर देगा, क्योंकि उसने उसे रिजेक्ट किया है।
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हालांकि, इस तरह के नरैटिव को गढ़ने की ताकत आरोपी की मां को कर्नाटक कांग्रेस के गृह मंत्री G परमेश्वर जैसे लोगों से मिलती है जो कि सीधे तौर पर इस तरह की वारदात को नॉर्मलाइज करने की कोशिश करते हैं। लव जिहाद की घटना को नकारते हैं।
खुद नेहा के पिता निरंजन हिरेमत भी अपनी सरकार ने अपनी सरकार को ही कोसा है। वह कहते हैं मैं तो सत्ताधारी पार्टी का एक पार्षद हूं और जब मेरे साथ ऐसा हो सकता है, तो इस बात को आसानी से समझा जा सकता है कि आम जनता का क्या हाल होगा। उन्होंने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए हैं।
नेहा की मौत ने कई सवाल खड़े किए हैं कि क्या कांग्रेस को मुस्लिम तुष्टिकरण के आगे एक लड़की की चीखें नहीं सुनाई दे रही हैं? सवाल ये भी कि कांग्रेस शासित राज्य में खुद कांग्रेस की एक पार्षद को अपनी बेटी के साथ हुए अत्याचार के मामले में न्याय के लिए भटकना पड़ रहा है तो आम आदमी का क्या हाल होता होगा? सवाल उस जाहिलपने की मानसिकता को रोकने का है?
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