दिल्ली आबकारी घोटाला केस में जेल के अंदर बंद आम आदमी पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इंसुलिन देनेे और डॉक्टर से परामर्श लेने के आवेदन पर शुक्रवार 19/04/2024 को बहस हुई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने इस मामले में 22 अप्रैल तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया।
सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्रशासन ने अदालत में रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें केजरीवाल द्वारा एक अप्रैल को डॉक्टर द्वारा निर्धारित भोजन न करने का आरोप लगाया गया। इन आरोपों को केजरीवाल की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा ख़ारिज करते हुए ईडी पर मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। सिंघवी ने कहा कि कुछ अपवादों को छोड़कर केजरीवाल ने जो भी भोजन खाया, वह उनके डॉक्टर द्वारा तैयार किए गए आहार चार्ट के अनुरूप था।
वहीं स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद तिहाड़ प्रशासन को शनिवार तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
बता दें कि ईडी ने अदालत के समक्ष दावा किया था कि मेडिकल जमानत के लिए आधार बनाने को टाइप 2 मधुमेह होने के बावजूद केजरीवाल हर दिन आम और मिठाई जैसे उच्च शर्करा वाले भोजन खा रहे थे।
आम आदमी आम नहीं तो क्या मशरूम खाएगा
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आम खाने पर मीडिया कवरेज और विवाद को लेकर अदालत में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें दीं। इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने तंज करते हुए कहा कि आम आदमी आम नहीं खाएगा तो क्या मशरूम खाएगा..? इसके बाद उन्होंने तिहाड़ जेल प्रशासन पर भी सवाल उठाए।
वहीं सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल जमानत पाने के लिए पक्षाघात का जोखिम क्यों उठाएंगे। मुख्यमंत्री आम खा रहे हैं, मगर घर से 48 बार भेजे गए भोजन में से केवल तीन बार आम थे। 8 अप्रैल के बाद कोई आम नहीं भेजा गया है। वह अपनी चाय में केवल शुगर फ्री का उपयोग करते हैं। इतने दिनों में केवल एक बार उनके लिए नवरात्रि के प्रसाद के तौर आलू पूरी भेजी गई थी।
आहर चार्ट का पालन नहीं कर रहे : तिहाड़ प्रशासन
तिहाड़ जेल प्रशासन की तरफ से पेश वकील ने कहा कि केजरीवाल जो खाना खा रहे थे वह उनके डॉक्टर द्वारा निर्धारित आहार चार्ट से मेल नहीं खाता। इसमें कहा गया कि तिहाड़ जेल में केजरीवाल की मधुमेह की देखभाल के लिए पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं थीं। डॉक्टर द्वारा बताए गए डाइट चार्ट में उन्हें मिठाई और कई तरह के फलों के सेवन पर रोक थी। उन्हें उसी आधार पर खाना दिया जाना चाहिए, वरना हम घर के खाने को रोकने का आवेदन दाखिल करेंगे।
जांच एजेंसी ईडी ने कहा कि एक अप्रैल को केजरीवाल की तरफ से दिए आवेदन में जिस डाइट चार्ट का जिक्र था उसे फॉलो नहीं किया जा रहा है। इसका वरिष्ठ वकील रमेश गुप्ता ने विरोध किया, जो केजरीवाल की ओर से पेश हुए थे। वकील ने अदालत से कहा, ईडी का इस सुनवाई से क्या लेना-देना है। वह (ईडी) कोई पक्ष नहीं है। यह मेरे और जेल तथा अदालत के बीच है।
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