दिल्ली शराब घोटाले के मामले में जेल में बंद अरविंद केजरीवाल ने राउज एवेन्यु कोर्ट में याचिका दायर कर कोर्ट ने उन्हें इंसुलिन मुहैया कराने की मांग की है। इस मामले को लेकर आज (19 अप्रैल 2024) राउज एवेन्यु कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद इस मामले में कोर्ट ने ईडी और तिहाड़ जेल को कल तक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।
Delhi's Rouse Avenue Court reserved the order on a plea moved by Delhi CM Arvind Kejriwal seeking direction to Jail Authorities to administer insulin and allow him to consult through video conferencing daily for 15 minutes with respect to his acute diabetes and fluctuating blood… https://t.co/bE7lh2uVXH
— ANI (@ANI) April 19, 2024
केजरीवाल के मामले की सुनवाई करते हुए स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अरविंद केजरीवाल की याचिका पर अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया है, जिसमें उन्होंने जेल अधिकारियों को इंसुलिन देने और उनके हाई डायबिटीज और शुगर लेबल में उतार-चढ़ाव के मामले में प्रतिदिन 15 मिनट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सलाह देने की मांग की थी।
इस पर कोर्ट ने कहा है कि वह इस मामले में 22 अप्रैल को अपना फैसला सुनाएगी। बता दें कि ईडी द्वारा शराब घोटाले के मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद से केजरीवाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली शराब घोटाले में ईडी की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था, लेकिन वहां से उन्हें झटका लगा था। वह फिलहाल 23 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं।
क्या है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि दिल्ली शराब नीति 2021-22 में घोटाले के मामले में केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने केजरीवाल को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में दावा किया था कि अरविंद केजरीवाल शराब नीति घोटाला के किंगपिन हैं। ईडी को केजरीवाल के घर पर छापेमारी में कई अहम दस्तावेज मिले हैं। इनसे पता चला है कि केजरीवाल दो ईडी अधिकारियों की जासूसी कर रहे थे। ईडी के मुताबिक विजय नायर दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत को दिए गए घर में रह रहे थे। उन्होंने साउथ ग्रुप और आम आदमी पार्टी के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई। अरविंद केजरीवाल ने साउथ ग्रुप से रिश्वत की मांग की। केजरीवाल ने कविता से मुलाकात की थी। ईडी के मुताबिक आबकारी नीति को आम आदमी पार्टी के गोवा चुनाव में फंडिंग के लिए बदला गया। रिश्वत के पैसे का इस्तेमाल हवाला के जरिये गोवा चुनाव में किया गया।
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