भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। वह सनातन धर्म के प्रतीक हैं। इसी सनातन धर्म को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एटरब्लिस फाउंडेशन ने अयोध्या में विराजे राम लला की हूबहू प्रतिकृति तैयार करवाई है, जिसे नीदरलैंड में एक हनुमान मंदिर में स्थापित किया जाएगा। इस प्रतिकृति को काशी के एक मूर्तिकार ने बनाया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, एटरब्लिस फाउंडेशन सनातन धर्म को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। इसके संस्थापक स्वामी अखंड सम्राट आनंदजी महाराज हैं। वह सनातन धर्म के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने के मिशन पर काम कर रहे हैं। स्वामी अखंड सम्राट आनंदजी महाराज कहते हैं कि सनातन धर्म केवल एक धर्म नहीं है, बल्कि यह एक शाश्वत दर्शन है।
स्वामी महाराज ने भगवान राम लला की प्रतिकृति को एम्सटर्डम स्थित हनुमान मंदिर में स्थापित करने का फैसला किया है। खास बात ये है कि यह मूर्ति भी अयोध्या में विराजे भगवान रामलला की मूर्ति की ही तरह काले पत्थर की बनी है। एटरब्लिस फाउंडेशन का कहना है कि वह भगवान राम लला की मूर्ति को विभिन्न यूरोपीय देशों में स्थापित करना चाहता है, ताकि लोग भगवान राम और सनातन संस्कृति के बारे में जान सकें। बहरहाल, इस मूर्ति को विदेश ले जाने से पहले अनुष्ठान के लिए अयोध्या लाया जाएगा।
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कौन हैं मूर्ति बनाने वाले कन्हैयालाल शर्मा
गौरतलब है कि भगवान रामलला की मूर्ति की प्रतिकृति बनाने वाले मूर्तिकार का नाम है कन्हैयालाल शर्मा। वह काशी के रहने वाले हैं। शर्मा वही मूर्तिकार हैं, जिन्हें करीब दो दशक पहले यूरोपीय कलाकार के साथ मिलकर राजकुमारी डायना की गुलाबी पत्थर पर मूर्ति बनाने के लिए चुना गया था।
अब राम लला की मूर्ति बनाने को लेकर शर्मा कहते हैं कि 22 जनवरी को भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद फाउंडेशन ने उनसे संपर्क कर रामलला की प्रतिकृति बनाने का आग्रह किया। मैं सहमत हो गया और हमने 24 फरवरी को बसंत पंचमी पर काम शुरू कर दिया।
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