बांग्लादेश देश का जन्म भारत की बदौलत हुआ। 16 दिसंबर 1971 का वह दिन इतिहास में दर्ज हो गया, जब पाकिस्तान ने भारतीय सेना के सामने हथियार डाल दिए। इसी के साथ अंत हो गया 13 दिन तक चले युद्ध का। इसी के बाद अस्तित्व में आया बांग्लादेश। भारत के साथ उसकी 4000 किमी की सीमा लगती है। जिस बांग्लादेश को भारतीय सेना ने आजाद कराया। उसी के सैनिकों ने भारत पर छूरा घोंपते हुए 18 अप्रैल 2001 को बीएसएफ के 16 जवानों की बेरहमी से हत्या कर दी।
ये नृशंस हत्याएं बांग्लादेश राइफल्स (BDR) जो कि अब बॉर्डर गार्ड ऑफ बांग्लादेश के नाम से जानी जाती है, ने की थी। भारत-बांग्लादेश की सीमा पर ये अब तक की सबसे हिंसक वारदात थी। बीएसएफ के जवानों के क्षत-विक्षत शव बीडीआर और बांग्लादेशी गांव वाले बांस में बांधे लटकाए मृत जवानों शव लेकर भारत को सौंपने आए। इन तस्वीरों ने पूरी दुनिया को सन्न कर दिया।
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क्या है पूरा मामला
रिपोर्ट के मुताबिक, कहा जाता है कि बीएसएफ के जवानों की बेरहमी से हत्या के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ था। इंडिया टुडे की रिपोर्ट कहती है कि बीएसएफ जवानों के हत्याकांड से पहले मस्जिद से इस्लामिक कट्टरपंथियों ने लोगों को हत्या के लिए उकसाया था। इसी के बाद बीडीआर और गांव के मुस्लिमों ने मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया। इस आवाज को बीएसएफ की 118वीं बटालियन के डिप्टी कमांडर रहे बीआर मंडल और उनके साथियों ने भी सुना था।
मेघालय और बांग्लादेश की सीमा से लगा एक भारतीय इलाका है बोरईबारी। यही इस संघर्ष का केंद्र था। यहीं से करीब 200 किमी की दूसरी पर स्थित पिरवाडीह गांव है, जहां पर 16 अप्रैल 2001 को अचानक से बांग्लादेश की सेना ने इस गांव में हमला कर वहां रह रहे लोगों को वहां से भगा दिया। इसी गांव में बीएसएफ के जवानों की एक चौकी थी, जिसे चारों तरफ से घेरकर गोलीबारी शुरू कर दी। बीएसएफ के जवानों ने भी पलटवार कर दिया। आखिरकार दोनों पक्ष सीजफायर के लिए तैयार हुए बातचीत की टेबल पर आए।
बांग्लादेशी सेना का आरोप था कि पिरवाडीह बांग्लादेश का है और उस पर भारत ने 1971 से कब्जा कर रखा है। इस घटना के ठीक अगले ही दिन बांग्लादेश राइफल्स के डायरेक्टर जनरल फजलुर रहमान ने एक भड़काऊ बयानबाजी की और उसके बाद बीएसएफ के 16 जवानों की बेरहमी से हत्या कर दी गई।
इस घटना के बाद भारत इतना कड़ा हो गया कि डर के मारे बांग्लादेश ने घुटने टेक दिए। भारत को पिरवाडीह वापस कर दिया गया।
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