शायद कांग्रेस के नेता उन लोगों को अपना दुश्मन मानते हैं, जो किसी पर्व—त्योहार के आयोजन में आगे रहते हैं। इसका एक और उदाहरण झारखंड के रामगढ़ जिले के बरकाकाना ओपी क्षेत्र में सामने आया है।
17 अप्रैल को रामनवमी पर अखाड़ा समिति ने झांकी निकाली थी। चूंकि इन दिनों लोकसभा चुनाव को देखते हुए कार्यक्रम में किसी भी राजनीतिक दल के नेता को नहीं बुलाया गया था। इसके बावजूद स्थानीय कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद कार्यक्रम के मंच पर पहुंच गईं और कहने लगीं कि जल्दी माइक दो कुछ कहना है। उनकी इस मांग पर आयोजक दंग रह गए। इसके बावजूद आयोजकों ने निर्णय लिया कि अंबा प्रसाद से बुलवाया जाएगा, लेकिन अंत में। जब अंबा प्रसाद को इसकी जानकारी मिली तो वे कार्यकर्ताओं से बहस करने लगीं और उन्होंने माइक छिनने का भी प्रयास किया। इतना ही नहीं विधायक के समर्थकों ने आयोजकों से मारपीट भी शुरू कर दी। इस घटना के बाद विधायक थाने गईं और उन्होंने अखाड़ा समिति के कुछ कार्यकर्ताओं के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज करवा दी। इतना ही नहीं, थाना परिसर में अंबा प्रसाद के समर्थकों द्वारा अखाड़ा समिति के लोगों को जान से मारने की धमकी भी दी गई।
इस मामले को लेकर अगले दिन यानी 18 अप्रैल को श्री श्री महावीर मंडल अखाड़ा समिति की ओर से भी थाने में आवेदन दिया गया, लेकिन यहाँ भी उनका आवेदन स्वीकार नहीं हुआ। इसके बाद रामगढ़ जिला पुलिस अधीक्षक, रामगढ़ के उपायुक्त और चुनाव आयोग समिति के कार्यकर्ताओं द्वारा आवेदन दिया गया। इसमें विधायक अंबा प्रसाद और उनके समर्थक जय सिंह, संजय शर्मा, लियाकत अंसारी, शफीक अहमद, श्याम करमाली, राकेश सिंह आदि लोगों के खिलाफ शिकायत की गई है। आवेदन में बताया गया है कि आचार संहिता का अनुपालन करने की वजह से विधायक को माइक नहीं दिया जा रहा था, लेकिन विधायक और उनके समर्थकों ने उनके साथ मारपीट कर गाली—गलौज करना शुरू कर दिया। इस मामले पर प्रशासन से समिति के लोगों ने निष्पक्ष जांच करने की मांग की है।
कार्यक्रम के मंच पर बैठी वार्ड पार्षद गीता देवी ने बताया कि विधायक अंबा प्रसाद मंच पर बैठते ही माइक की मांग करने लगी थी। वहां उन लोगों ने भी अंबा प्रसाद को समझाया कि थोड़ी देर रुकिए, आपको माइक मिल जाएगा। इसके बावजूद अंबा प्रसाद नहीं मानीं और अपने समर्थकों से माइक मांगकर देने की बात करने लगीं। उन्होंने आगे कहा कि क्षेत्र की विधायक होने के बावजूद इस तरह की हरकत करना उन्हें शोभा नहीं देता, इससे विधि—व्यवस्था खराब होती है।
अब सवाल उठता है कि जब अखाड़ा समिति ने आचार संहिता का पालन करते हुए राजनीतिक लोगों को मंच साझा करने से मना किया हुआ था तो विधायक अंबा प्रसाद को संबोधन करने की क्या आवश्यकता पड़ गई थी? हालांकि अगले दिन इस मामले को लेकर पूरे क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त रहा। अखाड़ा समिति के लोगों का कहना है कि कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद और उनके समर्थक जानबूझकर हिंदू कार्यक्रमों में पहुंचकर उन्हें बाधित करने और दंगे की स्थिति उत्पन्न करने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों ने प्रशासन से भी पूछा है कि आचार संहिता का अनुपालन करने की जिम्मेदारी सिर्फ आम जनता की है या फिर नेताओं की भी होनी चाहिए?
विश्व हिंदू परिषद रामगढ़ के जिला मंत्री छोटू वर्मा ने कहा कि बरकाकाना क्षेत्र में आयोजित समिति के कार्यक्रम में जिस तरह की घटना घटी है, ऐसा लग रहा है कि जानबूझकर कार्यक्रम को खराब करने का प्रयास हुआ है। किसी भी नेता को हिंदुओं के कार्यक्रम को खराब करने का अधिकार नहीं है। खुद की सभा में भीड़ नहीं होती है तो दूसरों के कार्यक्रमों में उपस्थित भीड़ को अपनी राजनीति का मंच नहीं बनाना चाहिए। प्रशासन इस मामले पर कठोर कार्रवाई करें नहीं तो हम लोग आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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