Britain: मुस्लिम लड़की ने की स्कूल में नमाज की मांग, कोर्ट बोला-'स्कूल के नियम से ऊपर धार्मिक स्वतंत्रता नहीं'
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Britain: मुस्लिम लड़की ने की स्कूल में नमाज की मांग, कोर्ट बोला-‘स्कूल के नियम से ऊपर धार्मिक स्वतंत्रता नहीं’

कोर्ट ने अपने फैसले में सभी छात्र-छात्राओं से स्कूल के नियमों का पालन करने की अपील की है।

by Kuldeep Singh
Apr 16, 2024, 10:07 pm IST
in विश्व
प्रतीकात्मक चित्र

प्रतीकात्मक चित्र

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कर्नाटक का स्कूल में हिजाब विवाद तो आप सभी के जेहन में होगा ही, उस घटना को लेकर भारत में दो धड़े बंटे हुए थे। एक धड़ा शिक्षा के मंदिर में धार्मिक प्रैक्टिस के खिलाफ तो दूसरे इसे यह कहकर जस्टिफाई करने की कोशिशें कर रहे थे कि ये मुस्लमों का मसला है। अगर आप ये सोचते हैं कि इस तरह की घटनाएं केवल भारत में होती हैं, तो आप गलत हैं। ब्रिटेन में भी ऐसी ही एक वारदात हुई। एक मुस्लिम लड़की अपने स्कूल में नमाज पढ़ने के अधिकार को लेकर कोर्ट पहुंच गई।

उसने स्कूल प्रशासन पर अपनी धार्मिक स्वतंत्रता का हनने करने और भेदभाव करने का आरोप लगाया। ये घटना लंदन के वेम्बली स्थित मिशेला स्कूल की बताई जा रही है। स्कूल के नियमों के खिलाफ स्कूल में नमाज पढ़ने की मांग को लेकर मुस्लिम लड़की कोर्ट गई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मुस्लिम युवती को तगड़ा झटका देते हुए उसकी याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही कहा कि स्कूल के नियमों से ऊपर कोई धार्मिक स्वतंत्रता और रीति-रिवाज नहीं है।

इसे भी पढ़ें: Rajasthan: साबिर ने नाबालिग वनवासी युवती का किया अपहरण, रेप के बाद इस्लामिक कन्वर्जन, निकाह भी, POCSO एक्ट में केस दर्ज

रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रा का आरोप था कि उसकी धार्मिक इबादत पर बैन उसके साथ भेदभाव जैसा है। इस पर स्कूल का कहना था कि अगर मुस्लिम युवती को इबादत के लिए स्थान दिया गया तो इससे विद्यार्थियों के बीच समावेशी नजरिया कमजोर पड़ने का खतरा है।

इस मामले को लेकर स्कूल के फाउंडर और मुख्य शिक्षक कैथरीन बीरबल सिंह ने इसे सभी स्कूलों की जीत करार दिया है। इस स्कूल में आधे यानि कि करीब 700 मुस्लिम छात्र-छात्राएं पढ़ती हैं। कोर्ट ने अपने फैसले में सभी छात्र-छात्राओं से स्कूल के नियमों का पालन करने की अपील की है।

ऐसा ही फैसला कर्नाटक हिजाब विवाद में भी हुआ था

गौरतलब है कि पिछले साल कर्नाटक के उडुपी स्थित एक स्कूल में हिजाब पहनने को लेकर मुस्लिम छात्राओं ने बवाल काटा था। जबकि, स्कूल प्रशासन का कहना था कि स्कूल में की भी तरह की धार्मिक प्रैक्टिस नहीं की जा सकती है। क्योंकि इससे समानता पर असर पड़ता है। मामला कोर्ट में पहुंचा और कोर्ट ने छात्राओं को स्कूल के नियमों को मानने को कहा था। कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि इस्लाम में हिजाब अनिवार्य नहीं है।

हालांकि, बावजूद इसके देश और दुनिया में आए दिन स्कूलों में मु्स्लिमों द्वारा कभी हिजाब तो कभी नमाज को लेकर बवाल किए जाते रहे हैं।

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